इंटरनेट सेवा सस्ती होने के आसार, सरकार घटा सकती है ब्रॉडबैंड लाइसेंस फीस

वर्क फ्रॉम होम के साथ डिजिटल सेवा की बढ़ती रफ्तार के मद्देनजर सरकार सस्ती दरों पर ब्रॉडबैंड सेवा मुहैया कराने की तैयारी कर रही है, ताकि काम के दौरान इंटरनेट की सेवा बाधित न हो। सस्ती दरों पर इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए सरकार वायर ब्रॉडबैंड लाइसेंस फीस में कटौती कर इसे सिर्फ 1 रुपये प्रति सर्कल तय कर सकती है। एक सर्कल के लिए सिर्फ एक रुपये सरकार की लाइसेंस फीस होने के बाद वायर ब्रॉडबैंड सेवा देने वाली कंपनी की लागत काफी कम हो जाएगी। इसका फायदा सीधा उपभोक्ताओं को मिलने की उम्मीद है।

सूत्रों के मुताबिक सस्ती इंटरनेट सेवा को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए दूरसंचार मंत्रालय तात्कालिक तौर पर केबल टीवी वायर की मदद ले सकता है। देश में 10 करोड़ से ज्यादा घरों में केबल टीवी कनेक्शन हैं, इसलिए केबल टीवी वायर के माध्यम से आसानी से इन 10 करोड़ घरों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा शुरू हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक केबल टीवी आपरेटरों के जरिए वायर ब्रॉडबैंड सेवा शुरू की जा सकती है और इस स्कीम को शुरू करने के लिए कैबिनेट नोट तैयार हो रहा है।

डिजिटल सेवा का बढ़ेगा दायरा

सिर्फ एक रुपये लाइसेंस फीस होने से केबल ऑपरेटरों को ब्रॉडबैंड सेवा शुरू करने में पूंजी निवेश जैसी समस्या नहीं आएगी। हालांकि सरकार को लाइसेंस फीस नहीं मिलने से राजस्व में जरूर कमी आएगी, लेकिन इससे डिजिटल सेवा की पैठ बढ़ेगी और डिजिटल कारोबार का विस्तार होगा, जो नए निवेश को आकर्षित करेगा। अभी सरकार को ब्रॉडबैंड लाइसेंस फीस के रूप में सालाना 900 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलता है।

2 करोड़ लोगों के पास वायर ब्रॉडबैंड

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के मुताबिक अभी देश में सिर्फ 2 करोड़ लोगों के पास वायर ब्रॉडबैंड सेवा है, वहीं एक अरब (100 करोड़) लोगों के पास मोबाइल फोन हैं। सरकारी कंपनी BSNL के पास सबसे ज्यादा 82 लाख ब्रॉडबैंड ग्राहक हैं। एयरटेल के पास लगभग 24 लाख तो रिलायंस जियो के पास 10 लाख ब्रॉडबैंड ग्राहक हैं।

वायर से मिलती है बेहतर इंटरनेट सेवा

ट्राई ने ब्रॉडबैंड इंटरनेट का दायरा बढ़ाने के लिए सरकार से 5 साल तक लाइसेंस फीस नहीं लेने की सिफारिश की थी। वायर के माध्यम से मिलने वाली इंटरनेट सेवा की गुणवत्ता मोबाइल फोन के माध्यम से मिलने वाली इंटरनेट सेवा के मुकाबले बेहतर मानी जाती है।

साभार : नई दुनिया।

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