बैंक्वट हॉल संचालकों से लॉकडाउन के दौरान की बुकिंग का पैसा दिलाएगा जिला प्रशासन

11 शिकायतें मिलने के बाद डीएम ने दिया आश्वासन
कोरोना काल ने जब विकराल रूप लिया तो सरकार ने आदेश कर दिया कि जो जहां है वो वहीं रहेगा। आसमान में जहाजों की रफ्तार थम गयी और ट्रैनों के पहियों पर ब्रैक लग गया। मेट्रो रूक गयी और आवागमन बंद हो गया। जनजीवन पूरी तरह रूक गया। यहां पर सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हुई जिन्होंने शादी विवाह को लेकर बैंकट हॉल बुक कराये थे। वैडिंग सीजन में जब वैड लॉक होना था तब लॉक डाउन हुआ। शहनाई के सीजन में घर से निकलने पर भी प्रतिबंध लग गया। जहां सोशल गैदरिंग होनी थी वहां सोशल डिस्टेंस के आदेश आ गये। जिस वैडिंग सीजन में परफ्यूम और डीयो छिड़का जाना था उस वैडिंग सीजन में हथेलियों पर सैनेटाईजर और पूरे माहौल में सैनेटाईजर छिड़काव होने लगा। यहां पर सबसे अजीब स्थिति लॉक डाउन के बाद तब आई जब लोगों ने बैंकट हॉल मालिकों से कार्यक्रम आयोजित ना होने पर अपनी एडवांस जमा कराई गयी धनराशि मांग ली। अब बैंकट हॉल मालिक तो यह कह रहे हैं कि बुकिंग हमने कैंसिल नहीं की इसलिए हम इसके जिम्मेदार नही हैं। बुकिंग तो सरकार के आदेश थे लेकिन जिन लोगों ने पैसा जमा कराया, उनका कहना ये है कि जब हमारा कार्यक्रम ही नहीं हुआ तो किस बात के पैसे दे दें। दोनों पक्ष सरकार को जिम्मेदार बता रहे हैं और सरकार कोरोना को जिम्मेदार बता रही है। लेकिन सवाल यही है कि एडवांस वाला पैसा कौन चुकायेगा। यह धनराशि भी पांच हजार या 10 हजार नहीं है बल्कि कई मामलों में तो यह धनराशि लाख से भी ऊपर पहुंच रही है। अब डीएम अजय शंकर पाण्डेय ने ऐसी शिकायतों को लेकर संज्ञान लिया है। उन्हें कई लोगों ने यह शिकायत की थी कि बैंकट हॉल और होटल मालिक लॉक डाउन पीरियड के दौरान जमा कराई गयी अग्रिम धनराशि को वापिस नहीं कर रहे हैं जबकि लॉक डाउन तो सरकार ने घोषित किया था। अब डीएम ने इस सम्बंध में एडीएम सिटी को आदेश दिए हैं कि वह गाजियाबाद जिले के सभी बैंकट हॉल मालिकों से और होटल के मैनेजरों से निर्धारित प्रारूप पर लॉक डाउन अवधि के प्रारंभ होने की तिथि से अनलॉक होने की घोषणा तक सूचना प्राप्त करें।

11 शिकायतों के बाद 8 बिन्दुओं पर होगी जांच

लॉक डाउन से अनलॉक डाउन तक अब प्रशासन यह तय करेगा कि इस मामले में क्या होना चाहिए। डीएम को 11 शिकायतें प्राप्त हुई हैं और उन्होंने आठ बिन्दुओं पर जांच शुरू की है। इन बिन्दुओं में यह प्रमुख है कि किस आयोजन हेतु बुकिंग कराई गयी थी और कब बुकिंग कराई थी। कितनी धनराशि अग्रिम जमा कराई गयी थी और क्या भविष्य में समारोह के आयोजन की सहमति बनी। किस तारीख को समारोह आयोजन होना था और क्या कोई धनराशि रिफंड की गयी। फिलहाल इस बात की संभावना तलाशी जा रही है कि पीड़ित व्यक्ति को क्या अनुतोष दिया जा सकता है। क्योंकि कोरोना लॉक डाउन पीरियड में यह वो ताली है जो दोनों हाथ से बजी है। अब विधिक परीक्षण इस बात का कराया जा रहा है कि एक्शन किसके खिलाफ लेना है। जानकार संकेत दे रहे हैं कि इस मामले में बैंकट हॉल मालिकों को हल्के में नहंी लिया जा सकता क्योंकि कुछ नियम शर्तें उनकी भी एडवांस लेते ही लागू हो जाती हैं। फिलहाल डीएम ने कहा है कि यदि किसी को इस प्रकार की कोई परेशानी है तो वह लिखित रूप से कलेक्ट्रेट में लगी शिकायत पेटिका में अपनी शिकायत डाल सकता है।

साभार: currentcrime

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