दिल्ली – शाहीन बाग इलाके में 5 महीने बाद खुली दुकानें

दिल्ली के शाहीन बाग में 5 महीने बाद दुकानें खुल गई हैं लेकिन ईद होने के बावजूद बाजार में रौनक नहीं हैं। दरअसल कोरोना वायरस के कारण लोग घरों में ही कैद रहना चाहते हैं। अगर बहुत जरूरी हुआ तभी लोग घरों से निकल रहे हैं। ईद का त्योहार धूमधान से मनाया जाता है लेकिन कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने सबकुछ फीका कर दिया है।

बता दें, दिल्ली में शाहीन बाग वही इलाका है जहां नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ महिलाएं करीब 100 दिनों तक धरने पर बैठी रहीं। इस विरोध प्रदर्शन की वजह से 14 दिसंबर से ही शाहीन बाग की दुकानें बंद हो गई थीं। शाहीन बाग का यह धरना स्थल देश की अन्य जगहों के लिए नजीर बन गया था जहां इससे प्रेरणा लेकर सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गए।

कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद जब सड़क पर बैठे लोगों को हटाया गया तो देश भर में लॉकडाउन लग गया। सड़क खाली होने के बाद भी ये दुकानें नहीं खुल सकीं। आज जब ये दुकानें खुली हैं तो लॉकडाउन के कारण चारों ओर सन्नाटा पसरा है।

दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन में राहत देते हुए दुकानों को ऑड-इवन के तहत खोलने की इजाजत दी है। दुकानें तो खुल रही हैं, लेकिन न तो कोई ग्राहक है और न ही दुकान में काम करने के लिए लोग मिल रहे हैं। इस वक्त रमजान का महीना है और ईद के त्योहार पर भी बेहद कम भीड़ है।

आम तौर पर ईद के पहले इस बाजार में हर वक्त भीड़ रहा करती थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से पूरा बाजार खाली पड़ा है। न सामान की सप्लाई दुरुस्त है और न ही कोई ग्राहक है। पहले से ही नुकसान झेल रहे शाहीन बाग के दुकानदारों को अब और नुकसान झेलना पड़ रहा है। अभी भी इस बात का अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता है कि ये बाजार पहले की तरह कब गुलज़ार होंगे।

#CoronavirusLockdown4 में दी गई छूट के बाद शाहीन बाग इलाके में दुकानें फिर से खुली। इलाके में दुकानें लगभग 5 महीनों के बाद खुलीं क्योंकि #AntiCAA विरोध प्रदर्शन के दौरान ये दुकानें बंद थी।

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