कोरोना संक्रमित को छुपना पड़ा भारी, मैक्स वैशाली हॉस्पिटल के खिलाफ नोटिस जारी

गाज़ियाबाद | सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता ने महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचना नहीं देने के मामले में मैक्स अस्पताल, वैशाली को नोटिस भेजा है। सीएमओ ने बताया कि न तो महिला की रिपोर्ट की कॉपी भेजी गई और न ही अस्पताल से कोई सूचना दी गई। अस्पताल के प्रबंधक एवं चिकित्सा अधीक्षक को नोटिस भेजकर पूछा गया है कि ऐसा क्यों किया गया? साथ ही निर्देश दिया गया है कि आगे से किसी भी पॉजिटिव मरीज की जानकारी न छिपाई जाए।

हाल में मैक्स अस्पताल के दो डॉक्टर भी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। हालांकि दोनों ठीक हो चुके हैं। मंगलवार को जब इस मामले की जानकारी मिली स्वास्थ्य विभाग ने नाराजगी जताई। सीएमओ ने बताया कि पूर्वी दिल्ली की एक महिला को वैशाली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गंभीर हालत में होने पर 51 वर्षीय महिला का अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना सैंपल लिया, जिसकी सोमवार दोपहर को रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। देर रात महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। 24 घंटे बाद मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में यह मामला आया। पड़ताल की तो इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन ने भेजी ही नहीं थी।

सीएमओ का कहना है कि गाइडलाइन्स के मुताबिक गाजियाबाद के किसी भी निजी अस्पताल या क्लीनिक में भर्ती व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा करनी होती है। इसी कारण मैक्स अस्पताल के प्रबंधन को नोटिस भेजा गया है।

दूसरी ओर मैक्स अस्पताल वैशाली की प्रवक्ता तनुश्री रॉय चौधरी का कहना है कि अस्पताल ने गाइडलाइंस का पालन किया है। आइसीएमआर का निर्देश है कि जो लैब कोविड-19 का परीक्षण करती है वह पॉजिटिव केस की रिपोर्ट आइसीएमआर की वेबसाइट पर अपलोड कर जिला पर्यवेक्षण अधिकारी को सूचित करे। महिला का सैंपल जरूर वैशाली में लिया गया था, लेकिन जांच साकेत में हुई। बाद में मरीज ग्रेटर नोएडा रेफर कर दी गई। ऐसे में गाजियाबाद के अधिकारियों को सूचना देना हमारा काम नहीं था।


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