राजधानी के उत्तर-पूर्व हिस्से में हुई हिंसा में आप पार्षद ताहिर हुसैन के शामिल होने के आरोपों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा- माहौल खराब करने वाला किसी भी पार्टी का हो, पुलिस को उस पर कार्रवाई करनी चाहिए। अगर आम आदमी पार्टी का कोई नेता इसमें शामिल पाया जाता है, तो उसे डबल सजा मिलनी चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। केजरीवाल ने हिंसा प्रभावितों के लिए मुआवजे का ऐलान भी किया। मृतकों के परिजन को 10 लाख रु., गंभीर घायल को 2 लाख रु., जिनका घर जला उन्हें 5 लाख रु. और दिव्यांग हुए लोगों को 5 लाख रु. का मुआवजा दिया जाएगा।
दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या 34 हुई
उत्तर-पूर्व दिल्ली में सीएए के मुद्दे पर हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या गुरुवार को 34 तक पहुंच गई जबकि 250 से ज्यादा लोगों का राजधानी के जीटीबी और एलएनजेपी अस्पताल में इलाज चल रहा है। यहां के जाफराबाद-मौजपुर और आसपास के इलाकों में 23, 24 और 25 फरवरी को नागरिकता संशोधन कानून के सर्मथक और विरोधी गुटों में हिंसक झड़प हुई थीं। हालांकि, बुधवार-गुरुवार को हिंसा की कोई नई घटना सामने नहीं आई। इस बीच, अमेरिका-रूस ने भारत में रह रहे अपने नागरिकों से कहा है कि लोगों को हिंसाग्रस्त इलाके में जाने से बचना चाहिए।
पुलिस ने 18 एफआईआर दर्ज कीं
दिल्ली पुलिस ने कि अब तक 18 एफआईआर दर्ज की हैं और 106 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। अब पुलिस की नजर पड़ोसी राज्यों से आकर दिल्ली में उपद्रव करने वालों पर है। सैकड़ों वॉट्सऐप ग्रुप और वायरल वीडियो भी खंगाले जा रहे हैं। रविवार से मंगलवार तक हुई हिंसा के दौरान दिल्ली की सीमाएं खुली थीं। पुलिस ने उपद्रवियों के यूपी के रास्ते राजधानी में घुसने की आशंका जताई है।
हिंसाग्रस्त इलाकों में आज शांति, लेकिन दुकानें बंद
दिल्ली के हिंसाग्रस्त जाफराबाद, मौजपुर, चांद बाग, गोकलपुरी और भजनपुरा समेत आसपास के इलाकों में गुरुवार को माहौल शांत रहा। पुलिस-अर्धसैनिक बलों के जवानों ने गलियों में फ्लैग मार्च किया। ज्यादातर इलाकों में दुकानें बंद हैं। सड़कें सुनसान हैं। लोग घरों में हैं। दिल्ली फायर सर्विस को बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक उत्तर-पूर्व दिल्ली में आग की 19 कॉल मिलीं। 100 दमकलकर्मियों के साथ वरिष्ठ अधिकारी आग बुझाने में जुटे।
पोस्टमॉर्टम में देरी, परिजनों को शव मिलने का इंतजार
लोगों को हिंसा में मारे गए परिजन के शव लेने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। पुलिस-प्रशासन का कहना है कि पोस्टमॉर्टम के बाद ही बॉडी दी जाएगी, तब तक इंतजार करें। इस मामले में जीटीबी अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सुनील कुमार ने कहा, ”पोस्टमॉर्टम करने के लिए बोर्ड गठित करने की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस और स्वास्थ्य विभाग पर है। हमने 4 पोस्टमॉर्टम किए हैं, जिनके मामले गंभीर थे। उम्मीद है कि जल्द ही इसके लिए बोर्ड बना लिया जाएगा।” इस मामले में वकील महमूद पारचा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट इस पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा।
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