दिल्ली के साकेत स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट ने मंगलवार को बिहार के मुजफ्फरपुर बालिकागृह कांड में गैंगरेप के दोषी ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई। साकेत कोर्ट ने मामले में 19 को दोषी करार दिया था। कोर्ट में दोषियों को बारी-बारी से सजा सुनाई जा रही है। सभी दोषियों के करीबी और वकील कोर्ट में मौजूद हैं।
इनको सुनाई जा रही सजा
ब्रजेश ठाकुर, रवि रोशन, विकास कुमार उर्फ विक्की, दिलीप कुमार, विजय तिवारी, गुड्डू पटेल, कृष्णा राम, रामानुज ठाकुर उर्फ मामू, रमाशंकर सिंह उर्फ मास्टर, अश्विनी, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु, इंदु कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी और रोजी रानी को सजा सुनाई जा रही है। ब्रजेश ठाकुर समेत 4 को चार्जशीट की सभी मूल धाराओं के अलावा गैंगरेप की धारा में सजा सुनाई जा रही है। गैंगरेप की धारा में उम्रकैद का प्रावधान है।
फिलहाल दो बरी
मधु का रिश्तेदार विक्की सभी आरोपों से बरी हुआ है, जबकि जिला बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी को जेजे एक्ट की धारा 75 के तहत दोषी पाते हुए उन्हें बॉन्ड पर मुक्त कर दिया गया था। किशोरियों से दुष्कर्म के षड्यंत्र में शामिल बालिका गृह की महिला कर्मचारियों को दोषी पाया गया है। इसके लिए धारा 120 बी के तहत कानून में दुष्कर्म के बराबर ही सजा का प्रावधान है।
चार मुख्य दोषी
ब्रजेश ठाकुर (संरक्षक): बालिका गृह कांड मामले का मुख्य आरोपी है। 6 से अधिक लड़कियों ने इस पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। ब्रजेश बालिका गृह की लड़कियों का यौन शोषण कराता था। वह बड़े अधिकारियों तक लड़कियों को पहुंचाता था। मुजफ्फरपुर और पटना में ब्रजेश ने अड्डे बना रखे थे जहां बालिका गृह की लड़कियों को भेजता था। विरोध करने वाली लड़कियों की पिटाई भी करता था।
इंदु कुमारी (अधीक्षिका): इंदु कुमारी मुजफ्फरपुर बालिका गृह की अधीक्षिका थी। वह लड़कियों को डराती धमकाती थी। उन्हें जबरदस्ती दुष्कर्म करवाने के लिए तैयार करती थी। विरोध करने पर पीटती थी। बालिका गृह में हो रही दरिंदगी में शामिल थी। ब्रजेश की बड़ी राजदार रही है।
मीनू देवी (हाउस मदर): मुजफ्फरपुर बालिका गृह की हाउस मदर मीनू लड़कियों को नशे की दवा देती थी। वह विरोध करने वाली बच्चियों को पीटती थी।
मंजू देवी (काउंसलर): मुजफ्फरपुर बालिका गृह की काउंसलर मंजू बालिका गृह के दूसरे कर्मचारियों के साथ मिलकर लड़कियों को दुष्कर्म के लिए तैयार करती थी। वह बच्चियों को नशे की दवा खिलाती थी।
यह है मामला
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में किशोरियों के यौन शोषण और हत्या का मामला सामने आया था। 31 मई 2018 को सामाजिक कल्याण विभाग के सहायक निदेशक ने मुजफ्फरपुर में महिला थाने में एफआईआर कराई थी। 26 जुलाई 2018 को राज्य सरकार ने बालिका गृह कांड की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की। 27 जुलाई 2018 को सीबीआई ने पटना स्थित थाने में केस दर्ज किया था। इसके चलते अगस्त में सामाजिक कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उनके पति ब्रजेश के करीबी हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस मामले की सुनवाई बिहार में न होकर दिल्ली के साकेत कोर्ट में हुई।
21 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दायर की थी
मामले में ब्रजेश ठाकुर (संरक्षक), इंदु कुमारी (अधीक्षिका), मीनू देवी (हाउस मदर), मंजू देवी (काउंसलर), चंदा देवी (हाउस मदर), नेहा कुमारी (नर्स), किरण कुमारी (हेल्पर), हेमा मसीह (प्रोबेशनरी अधिकारी), रवि रोशन, निलंबित सीपीओ (बाल संरक्षण पदाधिकारी), विकास कुमार, सीडब्लूसी ( बाल कल्याण समिति सदस्य), रोजी रानी (बाल संरक्षण इकाई की तब की सहायक निदेशक), विजय कुमार तिवारी (ब्रजेश का ड्राइवर), गुड्डू कुमार (कुक), कृष्णा कुमार राम (सफाईकर्मी), रामानुज ठाकुर (गेटकीपर), शाइस्ता परवीन उर्फ मधु (ब्रजेश की करीबी), अश्विनी कुमार (कथित डॉक्टर), दिलीप वर्मा (सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष) और डॉ. प्रेमिला (अब तक फरार) हैं। इन आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग 13 धाराओं में कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल की गई थी।
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