नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में आए शहर के 51 बुद्धिजीवी, प्रधानमंत्री को भेजा खुला समर्थन

नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में 51 विख्यात बुद्धिजीवियों ने खुला पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री को समर्थन भेजा है। बुद्धिजीवियों में पूर्व इंजीनियर, पूर्व आईएएस, पीसीएस, शिक्षाविद, गणितज्ञ, पर्यावरण विद, अधिवक्ता, डॅक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रोफेसर शामिल हैं।

प्रधानमंत्री को नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में लिखे पत्र की जानकारी देते हुए हिंदुस्तान पुनरोदय मंच संस्था के अध्यक्ष डा. हरपाल सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देश में अराजकता का माहौल बनाया जा रहा है यह देश को तोड़ने की साजिश है। जबकि भारत के अधिकांश नागरिक इसके पक्ष में हैं। जो बुद्धिजीवी वर्ग अपनी राय देने से बचता है, आज वह समाज के सामने आया है और खुले पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री को सीएए पर समर्थन दे रहा है।

वहीं सीएए का समर्थन करते हुए पूर्व आईएएस एनएन वर्मा ने कहा कि अराजकता की स्थिति देश की उन्नति में बाधक है। बाहरी ताकतों द्वारा देश के लोगों को भ्रमित किया जा रहा है, इससे बचने की आवश्यकता है। नागरिकता संशोधन कानून की सही भावना लोगों को जानी चाहिए यह देश के हित में।

इस दौरान पूर्व चीफ इंजीनियर आरएम गर्ग, पूर्व एडिशनल कमिश्नर आरएन पांडे, वैज्ञानिक सर्वेश मित्तल, अमित आर्य ने भी नागरिकता संशोधन कानून को देशहित में बताया। इस मौके पर सदानंद शर्मा, मधु पौद्दार, केके दीक्षित, डा. आरके पोद्दार, विनोद सर्वोदय, राधेश्याम शर्मा, अजीत अग्रवाल, सुरेंद्र राणा, जेपी राणा, मनमोहन गोयल, कैलाश शरण, केके तिवारी, प्रियंका भारद्वाज, ओपी सिंह आदि मौजूद रहे।
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