देश में फास्ट टैग के लॉन्च के साथ ही जालसाजों ने नागरिकों को ठगने का एक नया तरीका ढूंढ निकाला है। घोटाला करने वाले लोगों को पंजीकरण कराने और उनका फास्ट टैग ठीक से काम कर रहा है या नहीं ये चेक करने में मदद करने के बहाने यूपीआई के माध्यम से बैंक खातों से पैसे निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
इस घोटाले की पहली घटना आधिकारिक तौर पर हाल ही में सामने आई थी जब बेंगलुरु के एक व्यक्ति को घोटालेबाजों ने 50,000 रुपये का चूना लगा दिया। इस व्यक्ति ने अपने फ़ास्ट टैग को लेकर कंप्लेंट की थी जिसके बाद उन्हें एक्सिस बैंक के एक तथाकथित ग्राहक सेवा कार्यकारी से एक फर्जी कॉल मिला, जिसने उन्हें कहा कि उन्हें अपने फास्ट टैग वॉलेट को यूज में लाने के लिए एक ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा।
घोटालेबाजों ने चतुराई से ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया के बहाने कस्टमर को मूर्ख बनाकर उनका यूपीआई पिन ले लिया। पीड़ित व्यक्ति के मुताबिक कॉल करने वाले ने उन्हें एक एसएमएस के माध्यम से लिंक भेजा, जिसमें एक्सिस बैंक – फास्टैग फॉर्म लिखा था। इस फॉर्म में उनसे उनका नाम, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) पिन जैसे विवरण मांगे गए थे। इसके बाद उनसे उनके फ़ोन पर आया वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) मांगा गया जो उन्होंने दे दिया।
इसीलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी परिस्थिति में वे किसी को भी किसी भी उद्देश्य के लिए किसी भी परिस्थिति में कोई भी पिन या पासवर्ड शेयर न करें। फास्ट टैग के पंजीकरण के लिए आपको कोई भी पासवर्ड या ऑनलाइन बैंकिंग विवरण प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है।
फास्ट टैग सेवा नई होने के कारण, घोटालेबाज नागरिकों को धोखा देने के लिए हर तरह की कोशिश कर रहे हैं। केवल दो ही तरीकों से अपने फास्ट टैग को सक्रिय कर सकते हैं- या तो MyFastag ऐप का उपयोग करके या निकटतम बैंक शाखा पर जाकर. फोन पर बैंक कर्मचारी से बात करके फास्ट टैग पंजीकरण नहीं हो सकता है। इस मामले में, आपको ऐसी कोई भी कॉल प्राप्त होती है तो तुरंत इस कॉल को डिस्कनेक्ट कर दें, और कोई समस्या होने स्वयं बैंक शाखा जाकर जांच करें।
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