फर्जी वीडियो वायरल कर एसएसपी नोएडा को बदनाम करने की साजिश, क्या वैभव कृष्ण को मिल रही है ईमानदारी की सजा?

सोशल पर गौतम बुद्धनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण के तथाकथित आपत्तिजनक वीडियो पर वायरल कर उन्हें बदनाम करने की साजिश रचने का एक मामला सामने आया है। इस संबंध में नोएडा के सेक्टर-20 थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बुधवार रात को आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि उनके द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई कार्रवाई से परेशान कुछ सफेदपोश लोग ऐसी साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले में मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। साथ ही एसएसपी ने लोगों से वीडियो को सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड न करने की हिदायत दी है।

एसएसपी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उन्होंने गौतम बुद्ध नगर जिले में भ्रष्टाचार से जुड़ी कुछ फाइलें भेजी थीं। उस रिपोर्ट में जनपद में रहे उच्च अधिकारियों, कथित पत्रकारों और अन्य लोगों के नाम हैं। पिछले दिनों एक्सटॉर्शन (वसूली) करने वालों पर हुई कार्रवाई में कुछ सफेदपोश के भी जुड़े होने की बात सामने आई है। इसी बात से तिलमिलाकर बदला लेने के उद्देश्य से यह साजिश रची गई है। एसएसपी वैभव कृष्ण ने आईजी मेरठ रेंज से मामले की जांच करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि इसे वायरल और फॉरवर्ड करने वालों पर भी होगी कार्रवाई।

डीजीपी व अपर मुख्य सचिव गृह को सौंपी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए वैभव कृष्ण ने कहा है कि उन्होंने पत्रकारिता के नाम पर संगठित गिरोह चलाने वाले कथित पत्रकारों उदित गोयल, सुशील पंडित व चंदनराय को जेल भेजा था, इसी मामले में लखनऊ के नितीश शुक्ला के खिलाफ भी कार्रवाई हुई थी। चंदन की आइपीएस अजयपाल शर्मा, आइपीएस सुधीर सिंह, आइपीएस हिमांशु कुमार आइपीएस राजीवनारायण मिश्रा व आइपीएस गणेश साहा के साथ ट्रांसफर पोस्टिग को लेकर की गई बातचीत व वाट्सएप चैटिंग जांच में सामने आई थी। तभी से मेरे खिलाफ लगातार साजिश हो रही है। अब निजी स्तर पर बदनाम करने के लिए फेक वीडियो वायरल कराए जा रहे हैं।उन्होंने दावा किया है कि पूरे मामले की जांच के बाद पुलिस विभाग के कई अधिकारियों का काला चिठ्ठा खुल जाएगा।

वैभवकृष्ण ने बुधवार देर रात पत्रकारों को पांच पेज की एक रिपोर्ट दी। जिसमें उन्होंने गौतमबुद्ध नगर के पूर्व एसएसपी अजयपाल शर्मा, गाजियाबाद के वर्तमान एसएसपी सुधीर कुमार सिंह, बादा एसएसपी गणेश साहा, कुशी नगर के पूर्व एसएसपी राजीव नारायण मिश्र व सुल्तानपुर के वर्तमान में एसएसपी हिमांशु कुमार का जिक्र किया है। रिपोर्ट के अनुसार अजयपाल शर्मा के मोबाइल की सीडीआर में उनकी अभियुक्त चंदन राय से बात हुई हैं, जिसमें चंदन द्वारा कहा जा रहा है कि उनकी पोस्टिंग मेरठ करवाने का आश्वासन मिल गया है। 80 लाख रुपये में से 40 लाख रुपए पोस्टिंग से पहले व शेष एक महीने के अंदर देना होगा। रिपोर्ट में लखनऊ अतुल शुक्ला, स्वप्निल राय, नितीश, दीप्ती शर्मा सुनील भारती से भी बातचीत का जिक्र है। यह उक्त आरोपित ट्रांसफर पोस्टिंग के मामले में गिरफ्तार किए गए थे।

गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर सिंह व चंदनराय की एसएमएस से बातचीत में निरीक्षक संजय वर्मा को चार्ज दिलाने के लिए बात हुई। जिसमें सुधीर सिंह ने आरोपित को शाम को मिलने के लिए बुलाया गया। एसएसपी बांदा गणेश साहा व चंदनराय की चैट में ट्रकों को निकलवाने व उसके एवज में पेमेंट आने की बात कही जा रही है। साथ ही चंदन राय ने राजेश राय नाम के व्यक्ति को वाट्सएप चैट भेजी है जिसमें लिखा है कि एसएसपी बांदा से बात हो गई है। गाड़ियों को निकलवाने से पहले टोकन देना होगा साथ ही बैंक एकाउंट नंबर भी दिया गया है।

वैभव कृष्ण के अनुसार कुशीनगर के तत्कालीन एसएसपी राजीव नारायण की नीतीश पांडेय से वाट्सएप चैट का विवरण मिला है, जिसमें अनिल तिवारी नाम के आरक्षी को जनपद में एक माह के लिए संबद्ध कराया गया है। इस आरक्षी के खिलाफ अपराधिक कृत्य से जुड़े मुकदमों का भी जिक्र है। नितीश द्वारा उपनिरीक्षक वेद प्रकाश, भगवान सिंह, आरक्षी रामसाधन यादव, आरक्षी जोगेश यादव, आरक्षी राजेश, दिनेश यादव का भी ट्रांसफर पोस्टिंग की बात है।

सुल्तानपुर के एसएसपी हिमांशु कुमार के ट्रांसफर के संबंध में चंदन राय व लखनऊ निवासी अतुल शुक्ला के साथ वाट्सएप चैट व ऑडियो रिकार्डिंग का जिक है। जिसमें बिजनौर के लिए 30 लाख, बरेली के 40 लाख आगरा के लिए 50 लाख रुपये की बात कही गई है। वाट्सचैट में हिमांशु और अतुल शुक्ला के बीच बातचीत का भी जिक्र है। वैभव कृष्ण के अनुसार अतुल शुक्ला क्रुक्सा पब्लिसिटी लिमिटेड का मालिक है। यह संस्था उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार करती है। अतुल शुक्ला से पूछताछ में दिवाकर खरे नाम के एक व्यक्ति से अतुल शुक्ला के संबंध होने की बात सामने आई है।

वैभव कृष्ण के अनुसार अतुल द्वारा यह भी बताया गया कि दिवाकर खरे मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश के कार्यालय में निदेशक मीडिया के पद पर तैनात हैं। अतुल की दूसरी फर्म स्काई स्कैनर टूरिज्म के खाते से कई बार दिवाकर के खाते में पैसे भी भेजे गए हैं। दिवाकर व अतुल के बीच बातचीत के एक अन्य ऑडियो में पीसीएस अधिकारी गुलशन कुमार को ईओ बड़ौत का चार्ज दिलवाने के लिए कहा जा रहा है। जिसके एवज में दस लाख रुपये देने की बात हो रही है।

वैभव कृष्ण (एसएसपी, गौतमबुद्ध नगर) के मुताबिक, पूर्व में उगाही व गैंगेस्टर मामले में गिरफ्तार चंदनराय व लखनऊ निवासी अतुल शुक्ला के साथ पांच आइपीएस अधिकारियों की वाट्सएप, एसएमएस व ऑडियो बातचीत सामने आई थी। मैने यह रिपोर्ट डीजीपी व अपर मुख्य सचिव गृह को भेजी थी। जिसके बाद ट्रांसफर पोस्टिंग के संगठित गिरोह में संलिप्त अधिकारियों की शह पर ही मुझे बदनाम करने के लिए साजिश रची जा रही है।

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