गाज़ियाबाद – स्कूल खुले हैं या नहीं, देर रात तक अभिभावक रहे असमंजस में

रविवार की रात स्कूली बच्चों, अभिभावकों और अध्यापकों सभी के लिए परेशानी भरी रही। दरअसल पहले शीत लहर और फिर नागरिकता संशोधन कानून की वजह से पिछले कुछ दिनों से गाज़ियाबाद समेत उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में स्कूल बंद रहे।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नर्सरी से 12वीं तक के स्कूल आज (सोमवार को) खुलने तय थे। मगर इसी बीच व्हाट्सएप पर कुछ मैसेज चलने लगे जिसमें 23 दिसंबर को भी स्कूल बंद रहने की बात कही गई थी।

हालांकि यह मैसेज फर्जी था, मगर इसने अफवाहों की शुरुआत कर दी। उधर देश के कुछ बड़े समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों पर यूपी में 5 जनवरी तक स्कूल बंद होने की खबर चलने लगी जिससे अफवाहों को बल मिला।

पड़ोसी जिले नोएडा में भी यही स्थिति रही। यहाँ तो बाकायदा डीएम कार्यालय के नाम पर एक फर्जी मैसेज बनाकर व्हाट्सएप पर चलाया गया जिसमें शीत लहर के कारण सोमवार को स्कूल बंद करने का संदेश था। स्थिति तब शांत हुई जब डीएम ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से छुट्टी का खंडन किया।

इन्हीं फर्जी मैसेजों के झांसे में आकर गाज़ियाबाद में कुछ स्कूलों ने अपने-अपने यहाँ छुट्टी की घोषणा कर दी। बहुत से स्कूल प्रबन्धकों ने अखबारों के दफ्तरों में फोन करने शुरू कर दिए। जब बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेश श्रीवास्तव से संपर्क किया गया तो उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि सभी स्कूल पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार से खुल जाएंगे। इसके बाद स्कूलों ने छुट्टी रद्द होने की सूचना भेजनी शुरू कर दी। लेकिन उत्साही अभिभावकों और कुछ स्कूल प्रबन्धकों द्वारा चलाए जा रहे फर्जी मैसेजों की वजह से देर रात तक असमंजस की स्थिति कायम रही।

रविवार रात 9 बजे हमारा गाज़ियाबाद टीम ने जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय से बात कि जिसमें उन्होंने भी स्कूलों के समय पर खुलने की बात कही। इसके बाद हमारी टीम ने गाज़ियाबाद कई स्कूलों के प्रबन्धकों को संदेश भेजकर सच्चाई बताई तो स्थिति काफी स्पष्ट हुई। लेकिन, अफवाहों के कारण आज जिले के बहुत से स्कूल बंद हैं।

समय पर मिली जानकारी होती है सहायक

दरअसल जिला प्रशासन द्वारा शीतलहर या अन्य कारणों से स्कूल बंद करने के आदेश अकसर शाम 7 बजे के बाद जारी किए जाते हैं और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। आदेश मिलने के बाद स्कूल प्रबन्धकों को स्टाफ तथा शिक्षकों के माध्यम से अभिभावकों को संदेश पहुंचाने में काफी समय लगता है और अकसर रात 11 बजे तक स्कूलों से संदेश आते रहते हैं।

बेहतर होगा कि जिला प्रशासन स्कूल बंद करने से संबन्धित संदेश शाम 4 बजे तक जारी कर दे ताकि स्कूल प्रबन्धकों को परेशानी न हो और अभिभावकों को भी समय से संदेश मिल सके।

बेहतर होगा कि जिला प्रशासन स्कूल बंद करने से संबन्धित संदेश शाम 4 बजे तक जारी कर दे ताकि स्कूल प्रबन्धकों को परेशानी न हो और अभिभावकों को भी समय से संदेश मिल सके।

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