गाजियाबाद। जैसे-जैसे जांच समिति की जांच होमगार्ड नियुक्ति और वेतन भुगतान को लेकर आगे बढ़ रही है। लोगों की घड़कनेें भी बढ़ती जा रही हैं। जिस तरीके से विभागों में तैनात होमगार्ड की डयूटी रोस्टर की जांच समिति द्वारा की जा रही है उससे सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि गाजियाबाद में भी नोएडा जैसा होमगार्ड वेतन घोटाला सामने आ सकता है। सूत्रों की मानें तो अभी तक दो विभागों में होमगार्ड की तैनाती को लेकर गड़बडिय़ां सामने आ चुकी हैं। प्राथमिक मिलान में होमगार्ड की ड्यूटी में अंतर मिल रहा है।
विभागीय सूत्रों की मानें तो जांच समिति जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है। होमगार्ड की नियुक्ति को लेकर परतें खुलती जा रही हैं। जिले के विभिन्न विभागों, सरकारी स्तर पर चलाए जा रहे आश्रम, शेल्टर होम, अस्पतालों आदि में होमगार्डस तैनात हैं। जब समिति ने होमगार्ड के मस्टररोल यानि हाजिरी रजिस्टर की जांच की तो पता चला कि एक विभाग में महज चार होमगार्ड तैनात किए गए थे, जबकि मस्टररोल में छह होमगाड्र्स की संख्या दिखाई दी थी।
हालांकि जिस विभाग में चार होमगार्ड तैनात थे उनके पास इसके पुख्ता सबूत हैं। ऐसे में चार को छह बनाने वाली गड़बड़ी जिला कमाण्डेंड कार्यालय से की गई है। इसके अलावा जिला मुख्यालय के एक विभाग में 15 होमगार्ड्स तैनात किए गए लेकिन मस्टररोल में 30 की ड्यूटी दिखाई गई है। यानि 15 होमगार्ड्स की संख्या अधिक है। थानों से भी होमगार्ड की हाजिरी के रजिस्टर मंगाए गए हैं उनमें भी गड़बड़ी मिलने की आशंका है।
यानि नोएडा जैसा घोटाला गाजियाबाद में भी होने की आशंका बढ़ती जा रही है। हालांकि जांच समिति अभी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है मगर जिस तरह से एक-एक विभाग के पुराने रिकॉड्र्स को तलाशा जा रहा है उससे यह सम्भावना पुख्ता होती जा रही है कि यहां भी होमगाड्र्स की तैनाती को लेकर बड़ा खेल किया गया है। जांच समिति ने जिले में पूर्व में तैनात सभी जिला कमाण्डेंट की फाइल भी तलब की है।
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