हाईस्पीड ट्रेन को लेकर आ रही बाधा को दूर करने के लिए मंडलायुक्त व अधिकारियों की बैठक संपन्न

गाजियाबाद। जीडीए में आज मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम ने हाईस्पीड ट्रेन के चल रहे काम और मेरठ एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट की समीक्षा की। इस बैठक का आयोजन आज जीडीए में किया गया।  इस बैठक में क्या विषय रखे जाएंगे इसके लिए पहले ही मिनिट्स जारी कर दी गई थी। इसमें मुख्य रूप से दो प्रोजेक्ट रखे गये हैं। जिनमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट हाईस्पीड ट्रेन का है। जो करीब तीन हजार करोड़ रुपये का है। इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है, मगर यह काम अब मोदीनगर और आगे मेरठ तक होना है।
इस प्रोजेक्ट को लेकर सबसे बड़ी समस्या हाईटेंशन लाइन को लेकर है। सात स्थानों पर हाईटेंशन लाइन हटाने का काम होना है, मगर इस पर कोई प्रगति नहीं हो पा रही है। जीडीए से ली गई करीब पांच हजार वर्गमीटर जमीन पर नये बस अड्डे के पास कब्जा लिया जाना है, मगर एनसीआरटीसी ने 65 करोड़ रुपये जमीन के नहीं दिये और उस पर कब्जा नहीं हो पाया। जिस कारण काम प्रभावित हो रहा है। इसलिए करीब १०० करोड़ १० लाख रुपये एनसीआरटीसी नगर निगम के भी नहीं दे पा रहा है। जिसके कारण जमीन पर कब्जा एनसीआरटीसी को नहीं मिला।
उधर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को लेकर भी कई समस्याएं हैं। सबसे बड़ी समस्या चार गांवों की जमीन को लेकर है, जिनमें डासना, रसूलपुर सिकरोड, नाहल और कुशलिया शामिल है। इनकी करीब 19 हेक्टेयर जमीन को लेकर विवाद चल रहा है और मेरठ एक्सप्रेस-वे में यही पेंच फंसा है। गत दिनों पीएमओ ने भी इसे संज्ञान लिया। इसके बाद यूपी सरकार हरकत में आई। अब मेरठ एक्सप्रेस-वे की बाधा दूर करने के लिए कोशिश चल रही है। मंडलायुक्त की बैठक भी इसी कोशिश का नतीजा मानी जा रही है। इस बैठक में डीएम डॉ. अजय शंकर पांडेय, नगरायुक्त दिनेश चंद्र सिंह, एनएचएआई के एमडी मुदित गर्ग, पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता, मनीष वर्मा, भू-अर्जन विभाग के एडीएम मदन गब्र्याल भी शामिल हुए।

 

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