नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में शादी-विवाह सहित अन्य समारोहों में फिर से डीजे बजाने का रास्ता साफ कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें प्रदेश के अंदर डीजे बजाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई थी।
बता दें कि बीते 14 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने राज्य में डीजे बजाने पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद डीजे वालों ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रोजगार के मौलिक अधिकार का हवाले देते हुए याचिका दायर की थी। बुधवार यानि 20 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नियमों का पालन कर लाइसेंस मांगने वालों को डीजे बजाने की इजाजत मिले। इस मामले में 16 दिसंबर को अंतिम सुनवाई होगी।
आपको बता दें कि बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश भर में डीजे बैन कर दिया था। कोर्ट ने मानव स्वास्थ्य के लिए ध्वनि प्रदूषण को खतरा मानते हुए डीजे बजाने की अनुमति देने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने बच्चों, बुजुर्गों औऱ अस्पतालों में भर्ती मरीजों की सहूलियत को देखते हुए सूबे में डीजे बजाने की अनुमति देने पर रोक लगा दी थी।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में डीजे बजाने की अनुमति देने के से रोकने के साथ ही जिला प्रशासन औरपुलिस को यहां तक निर्देश दिया था कि इस मामले में शिकायत आने पर तत्काल कार्रवाई करते हुए भारी जुर्माना भी लगाया जाय। हाईकोर्ट ने डीजे बजाने पर पांच साल की जेल और एक लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया था।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के आदेश पर रोक की खबर से डीजे संचालकों को राहत मिली है। वही डीजे एसोसिएशन बीकापुर के अध्यक्ष राजकुमार मौर्या ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिलने का स्वागत किया है और सराहना की है। उन्होंने कहा कि वैसे भी हम लोग पहले ही मन बना चुके हैं साउंड और आवाज पर ध्यान देकर किया जाएगा संचालन।
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