यूपी। उत्तर प्रदेश के 45 हजार बिजली कर्मचारी आज हड़ताल पर हैं। भविष्य निधि (पीएफ) घोटाले के खिलाफ बिजली कर्मियों ने दो दिन की सांकेतिक हड़ताल का ऐलान किया था। बिजली कर्मचारी यूनियन डूबे हुए 26 अरब की गारंटी चाहती है।
इस बाबत सरकार ने कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया है। हड़ताल को लेकर यूनियन का एक धड़ा सरकार को और वक्त देने के मूड में है। इस हड़ताल की वजह से बिजली व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका है। जानकारी के मुताबिक बिजली विभाग में जिन अधिकारियों पर इंजीनियरों और कर्मचारियों के सामान्य और अंशदायी भविष्य निधि की रकम को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी थी। उन्होंने इस निधि के 4122.70 करोड़ रुपये को असुरक्षित निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफसीएल) में नियमों का उल्लंघन करके लगा दिया।
मुंबई हाई कोर्ट द्वारा डीएचएफसीएल के भुगतान करने पर रोक लगाने के बाद बिजली कर्मियों के भविष्य निधि का 2267. 90 करोड़ रुपये (मूलधन) फंस गया है।
EOW को मिली बड़ी कामयाबी
इस मामले में जांच कर रही इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने शनिवार बड़ी कामयाबी हासिल की। ईओडब्ल्यू ने अपनी तफ्तीश में फर्जी पाई गई 9 कंपनियों में से 5 के मालिकों का पता लगा लिया। अब इन मालिकों को पूछताछ के लिए ईओडब्ल्यू के दफ्तर में बुलाया गया।
जांच के दौरान एजेंसी को हरियाणा और दिल्ली में कुछ ठिकानों के बारे में भी पता चला है। यह ठिकाने पॉवर एंप्लाइज ट्रस्ट के पूर्व सचिव पीके गुप्ता के बेटे अभिनव और उसके साथी और फर्जी ब्रोकर फर्म के मालिक आशीष चौधरी से संबंधित है। ईओडब्ल्यू ने अब तक सामने आए सभी 14 ब्रोकर कम्पनियों के खातों को खंगालने का काम भी शुरू कर दिया है।
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