नई दिल्ली। भारतीय संस्कृति की पहचान ‘खादी’ एक बार फिर से चर्चा में है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने ‘खादी’ को अलग से एक कोड दिया है। इसका नाम है हार्मोनाइज्ड सिस्टम कोड (HS Code)। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम (MSME) द्वारा एक विज्ञप्ति जारी कर भी इस बात की जानकारी दी गई है।
जानिए एचएस कोड है क्या? खादी को यह कोड क्यों दिया गया?इससे क्या फायदा होगा?
क्या है एचएस कोड?
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- एचएस कोड, यानी हार्मोनाइज्ड सिस्टम कोड।
- यह छह अंकों का कोड है जिसे वर्ल्ड कस्टम्स ऑर्गेनाइजेशन (World Customs Organization – WCO) ने विकसित किया है।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह किसी उत्पाद का नामकरण होता है, जिसके जरिए दुनिया भर में उसकी पहचान की जाती है।
- दुनिया के 200 से ज्यादा देश इस नामकरण प्रणाली का उपयोग करते हैं।
- इस प्रणाली से किसी उत्पाद के व्यापार की प्रक्रिया में समानता बनाए रखने और उसके अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लागत कम करने में मदद मिलती है।
- डब्ल्यूसीओ की वेबसाइट के अनुसार, इस प्रणाली में अब तक करीब 5000 उत्पादों के समूह हैं। हर किसी का अपना छह अंकों का कोड (HS Code) है।
खादी के लिए एचएस कोड क्यों?
केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में खादी और इसके व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। खादी एवं ग्रामीण उद्योग आयोग (Khadi and Village Industries Commission – KVIC) के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि ‘सरकार के इस फैसले से खादी के निर्यात का नया अध्याय शुरू हो सकेगा। पहले एचएस कोड नहीं होने से खादी के निर्यात से संबंधित आंकड़े सामान्य कपड़ों के अंतर्गत ही आते थे। अब हम खास तौर पर खादी के विकास, इसके निर्यात के आंकड़ों पर अलग से नजर रख सकेंगे। साथ ही इसके आधार पर आगे की योजनाओं व रणनीतियों पर काम हो सकेगा।’
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