भ्रष्टाचार पर योगी सरकार का बड़ा फैसला, 7 पीपीएस अफसरों को किया जबरन रिटायर

यूपी। भ्रष्टाचार तथा कार्य में शिथिलता पर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बेहद सख्त है। हर विभाग में सुस्त तथा भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इसी क्रम में सात पीपीएस अफसरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। इनको अनिवार्य सेवानिवृति प्रदान की गई है। शासन ने सात पुलिस उपाधीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्त दी।

प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के साथ ही काम में लापरवाही पर बेहद सख्त हो रही है। इसी क्रम में गुरुवार की इस कार्रवाई को बेहद अहम माना जा रहा है। सरकार ने सात पीपीएस अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृति प्रदान की है। इनको सेवा से ही खारिज कर दिया गया है। इनके खिलाफ जांच में गंभीर मामले सामने आए हैं। इन अफसरों की उम्र 50 व इससे अधिक थी। सरकार ने स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट पर निर्णय लेते हुए इन अफसरों को सेवानिवृत्ति दे दी।

प्रदेश सरकार ने सहायक सेनानायक 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा अरुण कुमार, फैजाबाद में डिप्टी एसपी विनोद कुमार राणा, आगरा में डिप्टी एसपी नरेंद्र सिंह राणा, सहायक सेनानायक 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी तेजवीर सिंह यादव, डिप्टी एसपी मुरादाबाद संतोष कुमार सिंह तथा सहायक सेनानायक 30वी वाहिनी पीएसी गोंडा में कार्यरत तनवीर अहमद खां को अनिवार्य सेवानिवृति प्रदान की गई है। इन सभी की आयु 50 वर्ष से अधिक है और इनके ऊपर कार्य में शिथिलता तथा अन्य कई आरोप लगे हैं। इन अफसरों की उम्र 50 व इससे अधिक थी। सरकार ने स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट पर निर्णय लेते हुए इन अफसरों को सेवानिवृत्ति दे दी।

भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर सख्ती से अमल करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दो वर्ष में 600 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें से 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को योगी आदित्यनाथ सरकार ने जबरन रिटायर किया है। 400 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को वृहद दंड दिया गया है। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले दो वर्ष के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कार्रवाई की है, वो देश में अब तक किसी भी प्रदेश सरकार के उठाए गए कदम से बहुत बड़ी है। राज्य सरकार ने 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट दिया है। सौ से अधिक अधिकारी अभी भी सरकार के रडार पर हैं। इनके खिलाफ भी शीघ्र ही कार्रवाई होगी।

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