गाजियाबाद। प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे शहर की आवासीय परियोजनाओं और कॉलोनियों में जनरेटर से बिजली आपूर्ति होने पर मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर की है। आदेश दिया है कि इन परियोजनाओं और कॉलोनियों में जनरेटर न चलने दिए जाएं। विद्युत निगम कनेक्शन देकर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें। इस आदेश पर जीडीए और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ने आठों प्रवर्तन जोन में संयुक्त टीमें बनाकर जांच शुरू करा दी है। 2006 से अब तक स्वीकृत नक्शों के आधार पर जांच की जा रही है।
बता दें कि एक नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदूषण की समस्या को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिग हुई थी। उसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों से जानकारी जुटाई गई थी। मुख्यमंत्री ने उसमें पाया कि आवासीय परियोजनाओं और कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन न मिलने के कारण जनरेटर चल रहे हैं। उससे प्रदूषण फैल रहा है। इस पर उन्होंने चिता जाहिर करते हुए आदेश दिया है कि सभी परियोजनाओं और कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन सुनिश्चित किया जाए। अधूरी ग्रुप हाउसिग परियोजनाओं में रह रहे आवंटियों को अस्थाई कनेक्शन से बिजली दी जाए। जनरेटरों को बंद कराया जाए। उन्होंने जीडीए और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम से गाजियाबाद के संबंध में सर्वे रिपोर्ट मांगी है।
इस आदेश पर आठों प्रवर्तन जोनों में जीडीए और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ने संयुक्त टीमें गठित कर दी हैं। इन टीमों को 2006 से अब तक स्वीकृत हुए 1350 नक्शे की जानकारी दी गई है। ज्यादातर नक्शों के आधार पर परियोजनाओं और कॉलोनियों में भवन बन चुके हैं। टीम ने नक्शे की लोकेशन पर जाकर जांच शुरू कर दी है। देखा जा रहा है कि बिजली आपूर्ति का मुख्य स्त्रोत क्या है? जनरेटर से आपूर्ति की अलग सूची बनाई जाएगी। फिर उन्हें कनेक्शन दिए जाएंगे।
अधूरी आवासीय परियोजनाओं में अस्थाई कनेक्शन से आवंटियों को बिजली आपूर्ति देने की भी अनुमति दी गई है। मुख्यमंत्री के आदेश पर विद्युत निगम के साथ मिलकर संयुक्त टीम बनाई गई है। स्वीकृत नक्शों की लोकेशन पर जाकर बिजली आपूर्ति के स्त्रोत की जांच की जा रही है। जनरेटर से आपूर्ति बंद करानी है। जो जनरेटर से बिजली ले रहे हैं, उनको कनेक्शन दिलवाया जाएगा।
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