पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ प्रशासन सख्त, नौ लोगों पर होगी कार्रवाई

गाजियाबाद। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रशासन विभिन्न सख्त कदम उठाते हुए सैटेलाइट के जरिए पराली जलाने वालों पर नजर रख रहा है। इस क्रम में सैटेलाइट की मदद से नौ लोगों को चिन्हित किया गया था, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा 24 घंटे सेटेलाइट के जरिए पराली जलाने वालों पर नजर रखी जा रही है।

प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों में खेतों में जलने वाली पराली का भी प्रमुख योगदान है। इसको लेकर कृषि विभाग और प्रशासन एक महीने पहले से सख्ती करते हुए पराली न जलाने के निर्देश दिए थे और पराली जलाने वालों पर एफआईआर कराने का भी आदेश दिया था। उसके बावजूद कई जगहों पर पराली जलाई जा रही है। इससे पहले भी छह लोगों को पराली जलाने वालों पर एफआईआर भी की गई थी और जुर्माना भी वसूला गया था।

ऐसे में अब सैटेलाइट की मदद से 24 घंटे पराली जलाने वालों पर निगरानी रखी जा रही है। ताकि तत्काल प्रभाव से इस पर रोक लगाई जा सके। सैटेलाइट की मदद से मोदीनगर के कुम्हैड़ा गांव में वरुण कुमार पुत्र महेंद्र, सुधीर मुदगल पुत्र महेंद्र और किरण शर्मा पत्नी महेंद्र के खेत में पराली जलता हुआ चिन्हित किया गया था। इन सभी के खिलाफ एर्फआईआर दर्ज कराने के अलावा प्रशासन जुर्माना वसूलने की कार्रवाई कर रहा है।

इसके अलावा गांव कुशलिया में एक खेत और एक फैक्टरी में बनाए जा रहे डामर मिक्स के धुंए को चिन्हित किया गया। गांव कनौजा में भी सैटेलाइट के जरिए दो स्थानों पर पराली जलाने का मामला पकड़ा गया। जिला कृषि अधिकारी डॉ. राकेश मौर्य ने बताया कि सैटेलाइट के माध्यम से स्थान चिन्हित होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जहां की भी रिपोर्ट आ रही है, वहां के संबंधित लेखपाल से जांच कराकर आगे की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि सैटेलाइट की मदद से छोटी से छोटी जगह की भी निगरानी की जा रही है ताकि पराली न जलाई जाए।

पराली जलाने वालों से 15 हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया है। यह जुर्माना पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति खाते में जमा कराई गई है। छह लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिसमें प्रत्येक से ढाई हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया है। जिला कृषि अधिकारी डॉ. राकेश मौर्य ने बताया कि 23 अक्तूबर को छह लोगों को पराली जलाए जाने का दोषी पाया गया था। इस मामले की जांच करने के बाद सभी के खिलाफ ढाई-ढाई हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। इसके बाद इन सभी से जुर्माना वसूलने के बाद उसे पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति खाते में जुर्माने की रकम जमा कराई गई है।

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