दिव्यांग और बुजुर्ग घर बैठे चुनाव में डाल सकेंगे वोट, मोदी सरकार ने बदला कानून

नई दिल्ली। 80 साल से अधिक आयु के बुजुर्ग और दिव्यांग अब पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाल सकते हैं। केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है। हालांकि, इस श्रेणी के उम्मीदवार अपनी इच्छानुसार मतदान केंद्र पर जाकर भी वोट दे सकते हैं। इनके लिए दोनों विकल्प मौजूद रहेगा।

चुनाव आयोग की सिफारिशों पर केंद्रीय कानून व न्याय मंत्रालय ने चुनाव नियम, 1961 में संशोधन किया, इसके तहत दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों को एब्सेंटी वोटर लिस्ट में शामिल करने की अनुमति मिल गई है। एब्सेंटी वोटर का मतलब- जो मतदाता वोट डालने के लिए मतदान केंद्र तक पहुंचने में असमर्थ हो।

संशोधित नियम के अनुसार, व्यक्ति एक नए फॉर्म 12डी में आवेदन करेगा, जो चुनाव की अधिसूचना की तारीख के बाद 5 दिनों के अंदर रिटर्निंग अधिकारी तक पहुंच जाएगा। इस आवेदन को प्राप्त किए जाने के बाद निर्वाचक (वोट देने वाले शख्स) को एक पोस्टल बैलेट पेपर जारी किया जाएगा। उस पोस्टल बैलेट को वोट की रिकॉर्डिंग के बाद स्पेसिफायड सेंटर में जमा किया जाएगा। आयोग का कहना है कि इसका मकसद ज्यादा उम्र या दिव्यांग व्यक्तियों की भी मतदान में भागीदारी सुनिश्चित करना है।

अधिकारियों के मुताबिक, दिव्यांग और बुजुर्ग दोनों ही श्रेणी के लोग मतदान केंद्र तक पहुंचने में असमर्थ होते हैं, जिस कारण वे अपना वोट नहीं डाल पाते। अब नए नियम से इन दोनों ही श्रेणियों के लोगों को मतदान करने में आसानी होगी और इससे मतदान प्रतिशत में भी बढ़ोतरी होगी।

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