गाज़ियाबाद । उत्तराखंड की राज्यपाल का काफिला बुधवार दोपहर को दिल्ली-मेरठ हाईवे पर मोदीनगर में जाम में फंस गया। जैसे ही पुलिस को इसकी जानकारी मिली तो अधिकारियों की धड़कनें बढ़ गईं। यातायात पुलिस के साथ-साथ थाने की पुलिस भी इधर-उधर भागती नजर आई। बुधवार को उत्तरांखड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य उत्तराखंड से दिल्ली जा रही थीं। दोपहर को समय करीब पौने दो जैसे ही उनका काफिला राज चौपले से आगे बढ़ा तो वहां उन्हें हल्का जाम मिला। थोड़ा आगे बढ़ने पर मोदी काम्पलेक्स के सामने उनके काफिले में शामिल सभी वाहनों के पहिए पूरी तरह थम गए।
उनके जाम में फंसने की सूचना जैसे ही थाने की पुलिस और यातायात के पुलिसकर्मियों को लगी तो उनमें हडकंप मच गया। आनन-फानन में पुलिसकर्मियों ने राज्यपाल के काफिले को निकालने के लिए बस अड्डे की तरफ दौड़ लगा दी। हालांकि, तब तक उनके वाहन के साथ दूसरे वाहन में चल रहे पुलिसकर्मियों ने व्यवस्था को खुद ही संभालते हुए किसी तरह उन्हें जाम से निकाला। बस अड्डे से भगवान गंज मंडी के बीच की दूरी तय करने में उनके काफिले को पांच मिनट का समय लग गया।
गौर हो कि पुलिस की लापरवाही के कारण दिल्ली-मेरठ हाईवे पर आए दिन जाम की स्थिति बन रही है। आए दिन यहां कोई न कोई वीआइपी, वीवीआइवी जाम में फंस रहा है, लेकिन स्थानीय पुलिस-प्रशासन इसको लेकर चितित नहीं है। लोगों का कहना है कि स्थानीय अधिकारियों को किसी भी आम ओ खास की अब कोई परवाह नहीं है। इस बारे में एसएचओ जितेंद्र कुमार यादव का कहना है कि राज्यपाल के काफिले को सही तरीके से मोदीनगर से पास करा दिया गया था। बस अड्डे के आसपास सीवरेज लाइन डाले जाने के चलते थोड़ी दिक्कत बन गई थी।
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