नई दिल्ली। दिल्ली के एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के डॉक्टर व कर्मचारी आपात स्थिति में एक दूसरे से तत्काल संपर्क स्थापित कर सकेंगे। संस्थान की ओर से एक ऐसा मोबाइल एप तैयार किया गया है जिसमें सभी डॉक्टर व कर्मचारियों के व्यक्तिगत फोन नंबर तक मौजूद होंगे।
एम्स में करीब 800 से ज्यादा प्रोफेसर और करीब 2 हजार सीनियर रेजीडेंट के अलावा 3 हजार से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत हैं। ऐसे में हर कर्मचारी या डॉक्टर से आपस में संपर्क स्थापित नहीं हो पाता है। जबकि आपात स्थिति में इसकी जरूरत पड़ती है। बुधवार को एम्स के स्थापना दिवस पर स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन इस एप को लांच करेंगे।
बीते माह ही एम्स के टीचिंग ब्लॉक में लगी आग के दौरान भी ये परेशानी देखने को मिली थी। वहीं एम्स ट्रामा सेंटर की घटना में भी दिक्कतें आई थीं। कई बार यह पता ही नहीं चल पाता कि संबंधित विभाग में रात को कौन से डॉक्टर या कर्मचारी मौजूद हैं? इसी के चलते आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों से एम्स ने एप बनाने के लिए मदद ली थी। एप नेविगेशन भी जुड़ा होगा।
साथ ही कई बार आपात स्थिति में मरीजों के लिए भी तत्काल डॉक्टर की जरूरत होती है। ऐसे में इस एप के जरिये कोई भी डॉक्टर अपने वरिष्ठ प्रोफेसर से संपर्क कर सकता है। इस एप की मौनिटरिंग एम्स प्रबंधन स्वयं करेगा। अगर मरीज से जुड़ी केस फाइल ईमेल करना भी चाहे तो भी इस एप की मदद से ये संभव हो सकेगा। अभी तक देश के किसी भी सरकारी अस्पताल में इस तरह की सुविधा मौजूद नहीं है।
बुधवार को एम्स अपना 64वां स्थापना दिवस समारोह मनाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन संस्थान की उपलब्धियों को लेकर डॉक्टरों से बातचीत करेंगे। साथ ही इस दौरान एक मोबाइल एप भी लॉच किया जाएगा, जोकि संस्थागत कार्यों से जुड़ा होगा। मंगलवार को एम्स प्रबंधन की ओर से निदेशक कार्यालय में अब तक के सफर को लेकर खास प्रदर्शनी भी लगाई है।
इसमें आयुष्मान भारत योजना से लेकर प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध की अपील भी की गई है। इसके अलावा प्रदर्शनी में अलग अलग विभागों की ओर से अपने सर्वश्रेष्ठ कार्यों को भी प्रदर्शित किया है। चिकित्सीय क्षेत्र में दुनिया के चुनिंदा संस्थानों में शामिल एम्स अब विश्वविद्यालय का रूप लेने की ओर बढ़ रहा है। इसी क्रम में स्थापना दिवस के मौके पर एम्स प्रबंधन की ओर से बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं।
देश में सबसे ज्यादा चिकित्सीय शोध, उपचार और नई तकनीकी पर एम्स काम कर रहा है। हाल ही में दिल्ली आईआईटी में आयोजित इंडस्ट्री समिट में भी एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया तकनीक से जुड़े तमाम दिग्गजों के साथ आने वाले दिनों में एम्स की ओर से सम्मेलन रखने की बात भी कह चुके हैं।
डॉ. गुलेरिया चिकित्सा और अभियांत्रिकी के मिश्रण पर काम कर रहे हैं। हाल ही में एमबीबीएस और आईआईटी दिल्ली के छात्रों की एक संयुक्त कार्यशाला भी आयोजित हुई थी, जिसमें दोनों ही संस्थान के छात्रों ने मिलकर तरह तरह के उपकरण तैयार किए थे। एम्स के पूर्व निदेशक डॉक्टर स्नेह भार्गव गार्ड ऑफ ऑनर के रूप में मौजूद रहेंगे। एम्स के जवाहरलाल ऑडिटोरियम में सुबह साढ़े नौ बजे से यह कार्यक्रम शुरू होगा।
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