मां है बस कंडक्टर, बेटे ने भारत को बनाया अंडर-19 एशिया कप चैम्पियन

नई दिल्ली । अंडर-19 एशिया कप पर 7वीं बार भारतीय टीम कब्जा करने में कामयाब रही। शनिवार को कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए फाइनल में इंडिया अंडर-19 टीम ने बांग्लादेश अंडर-19 टीम को पांच रनों से मात दी।

भारत की इस जीत के हीरो 18 साल के अथर्व अंकोलेकर रहे। 107 रनों के मामूली लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम 33 ओवरों में 101 रनों पर सिमट गई। मुंबई के लेफ्ट आर्म स्पिनर अथर्व ने 8 ओवरों में 2 मेडन के साथ 28 रन (8-2-28-5) देकर 5 विकेट चटकाए।

अथर्व अंकोलेकर ने पहले तो बांग्लादेश के मध्यक्रम को तोड़ा और इसके बाद 33वें ओवर में दो विकेट लेकर भारतीय टीम को खिताबी जीत दिला दी। इसके साथ ही अथर्व 8 टीमों की इस प्रतियोगिता में 12 विकेट लेकर शीर्ष पर रहे। अथर्व 26 सितंबर को 19 साल के हो जाएंगे।

बता दें कि अथर्व जब दस वर्ष के थे, उनके पिता विनोद अंकोलेकर का देहांत हो गया। वह मुंबई की बस सेवा (BEST) में कंडक्टर थे। अथर्व के पिता चाहते थे कि उनका बेटा क्रिकेटर बने। मां वैदेही ने उनके सपने को धुंधला नहीं होने दिया और दो बेटों की परवरिश के लिए पति की जगह बस कंडक्‍टर की नौकरी करने लगीं। मां के संघर्ष की बदौलत अथर्व ने न सिर्फ अपने देश को चैम्पियन बनाया, बल्कि पिता के सपने को भी सच कर दिखाया।

फाइनल के वाले दिन अथर्व की मां ने छुट्टी ले ली थी। घर के केबल टीवी पर स्पोर्ट्स चैनल नहीं रहने की वजह से वह ससुराल चली गईं और पूरा दिन बेटे की सफलता के लिए प्रार्थना में बिताया। वह कहती हैं- ‘मैं गणपति बप्पा से प्रार्थना कर रही थी कि आज का दिन मेरे बेटे का हो। जब 12 रन रह गए थे और दो विकेट शेष थे, तो मुझे उम्मीद थी कि अथर्व को बॉलिंग मिलेगी, वह इस इंतजार में था।’

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