नई दिल्ली। पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आखिरकार स्वीकार कर लिया है कि उनके देश की जमीन का इस्तेमाल जिहादियों को ट्रेनिंग देने के लिए की जाती रही है। इमरान ने माना है कि सोवियत संघ के खिलाफ जिहाद करने के लिए पाक ने 80 के दशक में जिहादियों को ट्रेनिंग दी। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा है कि अफगानिस्तान में अमेरिका को सफलता न मिल पाने पर उनके मुल्क को दोष दिया जाना गलत है।
रूस के टीवी चैनेल रसिया टुडे को दिए इंटरव्यू में इमरान ने कहा कि ‘जब सोवियत ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था, उन दिनों 80 के दशक में हमने इन मुजाहिदीन लोगों को सोवियत के खिलाफ जिहाद करने के लिए ट्रेनिंग दी थी। इन लोगों को पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित किया गया था, जिनकी फंडिंग सीआईए कर रही थी।
इमरान ने कहा कि अब एक दशक बाद जब अमेरिकी अफगानिस्तान में आए, तो वही समूह जो पाकिस्तान में हैं वे उन्हें जिहादी नहीं बल्कि आतंकी मानते हैं। यह एक बड़ा विरोधाभास था और मैंने दृढ़ता से महसूस किया कि पाकिस्तान को तटस्थ होना चाहिए था, क्योंकि इसमें शामिल होकर, ये समूह हमारे खिलाफ हो गए।
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