साहिबाबाद। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम अंतिम दौर में पहुंचते ही इसकी रिपोर्ट तलब कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) ने निर्माण की स्टेटस रिपोर्ट बनाने के लिए ड्रोन कैमरे इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। इसी माह प्रधानमंत्री के साथ होने वाली समीक्षा बैठक में ड्रोन कैमरे से रिपोर्ट तैयार कर पेश की जाएगी। इतना ही नहीं लगातार एक्सप्रेस-वे के काम की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे का प्रयोग किया जाएगा।
देश के सबसे चौड़े दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम लगभग अंतिम दौर में पहुंच चुका है। सराय काले खां से यूपी गेट तक का पहले चरण का काम पूरा हो चुका है। वहीं यूपी गेट से मेरठ तक दो चरण का काम जारी है। इस काम में कई पेच अटक रहे हैं। जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही एक समीक्षा बैठक करने वाले हैं। इससे पहले एनएचएआइ ने काम की निगरानी के लिए बड़ी योजना तैयार की है। अब यूपी गेट से मेरठ तक के काम की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जाएगी और जहां काम में दिक्कत आ रही है इसकी पूरी रिपोर्ट दी जाएगी।
एनएचएआइ लगातार हाइवे के काम की निगरानी ड्रोन के माध्यम से करेगा। हर माह एक-दो दिन ड्रोन पूरे रूट पर उड़ाया जाएगा। इस दौरान यहां की फोटो लेने के साथ जरूरी वीडियो भी बनाई जाएगी। ड्रोन कैमरे से मिलने वाली तस्वीरों से न सिर्फ काम की सटीक जानकारी मिल सकेगी, बल्कि जिन स्थानों पर किसी प्रकार की दिक्कतें आ रही हैं उनका सही समाधान खोजा जा सकेगा।
एनएचएआइ के अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन से ली गई फोटो के माध्यम से प्रधानमंत्री के साथ समीक्षा बैठक में यहां दौड़ रहे ऑटो का मुद्दा उठाया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहेगी, लेकिन ऑटो के चलते यहां दुर्घटनाएं हो सकती हैं। इतना ही नहीं नोएडा सेक्टर 62 कट, विजयनगर आदि में इनकी वजह से जाम भी लग रहा है। वहीं जमीन अधिग्रहण न होने के चलते जिस हिस्से पर निर्माण नहीं हो सका है उसे भी तस्वीरों के माध्यम से समीक्षा बैठक में रखा जाएगा।
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