सावधान – अब ट्रैफिक के नियम तोड़ना पड़ेगा बहुत भारी, हो सकती है जेल भी

मोटर व्हीकल संशोधन बिल 2019 राज्य सभा में भी 31 जुलाई को पास हो गया है। यह विधेयक पहले ही 23 जुलाई को लोकसभा में पास हो चुका है। नए संशोधित बिल में सड़क हादसों को रोकने के लिए कई नए प्रावधान किए गए हैं। साथ ही ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जुर्माने को और कड़ा किया गया है, वहीं नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल भी भेजा सकता है। बिल में शराब पी कर वाहनों चलाने वालों पर सख्त प्रावधान रखे गए हैं।

10 हजार रुपये तक का जुर्माना

संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में शराब पीकर ड्राइविंग करने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं इमजेंसी वाहनों जैसे एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पीसीआर का रास्ता रोकना भारी पड़ सकता है। ऐसा करने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना ठोका जा सकता है। संशोधित विधेयक में 18 साल से कम उम्र में बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने, रैश ड्राइविंग, शराब पीकर गाड़ी चलाने, ओवर स्पीड में गाड़ी चलाने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है। बिल के प्रावधानों को 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर तैयार किया गया है।

बिना हेलमेट पकड़े जाने पर लाइसेंस सस्पेंड

बिल में ओवरस्पीडिंग पर 1,000 से 2,000 रुपये और बिना बीमा पॉलिसी गाड़ी चलाने पर 2,000 रुपए जुर्माना लगाया जा सकेगा। वहीं बिना हेलमेट पकड़े जाने पर तीन महीने तक लाइसेंस सस्पेंड किया जायेगा। इसके अलावा अगर कोई नाबालिग ने गाड़ी चलाते हुए पकड़ा गया तो गाड़ी के मालिक और अभिभावक दोषी होंगे। इसमें 3 साल की सजा और 25 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा साथ ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द हेगा। यदि कोई ट्रैफिक नियम तोड़ता हुआ पकड़ा गया तो 500 रुपए जुर्माना देना पड़ेगा। इतना ही नहीं यदि कोई अधिकारियों का आदेश नहीं मानेगा तो फिर 500 रुपये की जगह दो हजार रुपए तक का जुर्माना देना पड़ेगा। इसके अलावा गाड़ी के अनधिकृत इस्तेमाल करने पर भी 5,000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। इतना ही नहीं ओला, उबर जैसे एग्रीगेटर्स ने ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों का उल्लंघन किया तो उन्हें एक लाख रुपए तक जुर्माना भरना पड़ेगा।

पीड़ित परिवारों को 2 लाख तक की मदद

शराब पीकर वाहन चलाने पर 10 हजार रुपये जुर्माना

ड्राइविंग के दौरान फोन पर बात करने पर 5 हजार जुर्माना

1 लाख रुपये तक जुर्माना

सामान ढोने वाले वाहनों में प्रदूषण के स्तर का पता लगाने के लिए ऑटोमैटेड फिटनेस टेस्टिंग को शुरू किया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, नियम तोड़ने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है, जो 1 लाख रुपये तक बढ़ सकता है, और राज्य सरकारें इसे 10 गुना तक बढ़ा सकती हैं।

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