लापरवाही – कोर्ट में पेशी के लिए आया था मुजरिम, जूता खरीदने के बहाने हुआ फरार

गाज़ियाबाद में पुलिस और अपराधियों के बीच का गठबंधन किसी परिचय का मोहताज नहीं। योगी आदित्यनाथ के सत्ता सँभलने के बाद गाज़ियाबाद पुलिस में कई बदलाव हुए मगर इसी गठबंधन की वजह से ज़्यादातर ईमानदार अफसरों का यहाँ से कुछ महीनों में ही तबादला हो जाता है। लंबे समय तक वे ही अधिकारी टिक पाते हैं जो या तो एक जाति विशेष से संबंध रखते हैं या फिर खुद ईमानदार रहते हुए भ्रष्ट कर्मचारियों की तरफ से आँखें बंद रखते हैं।


हमारा गाज़ियाबाद
के संज्ञान में आते ही हमने तुरंत इस बाबत खबर छापी और उसे सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के माध्यम से लखनऊ और मेरठ में बैठे बड़े पुलिस अधिकारियों तक पहुंचा दिया। नतिजन एसएसपी सुधीर कुमार सिंह, एसपी सिटी श्लोक कुमार और सीओ सिटी सेकेंड आतिश कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। आसपास काफी तलाश की गई, लेकिन हत्यारोपित का पता नहीं चला। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि आरोपित सिपाही को निलंबित कर जेल भेज दिया है। उसके खिलाफ लापरवाही का मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

आपको बता दें कि कोर्ट से फरार होने वाला हत्यारोपित हापुड़ के बहादुरगढ़ थानाक्षेत्र में सदरपुर निवासी नौशाद(32) है। आरोपित ने नवंबर 2016 में खोड़ा स्थित अपने घर में साली नरगिस (18) की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। बुधवार को सिपाही कुशलपाल नौशाद को कोर्ट नंबर-1 में लेकर पहुंचा था। डेढ़ बजे यहां पहुंचा तो बताया गया कि सुनवाई कोर्ट-7 में ट्रांसफर कर दी गई है। इसके बाद उसे कोर्ट की हवालात में बंद कर दिया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक नौशाद ने कुशलपाल से कहा कि उसके जूते फट गए हैं। उसने घर से रुपये मंगाए हैं। जब तक सुनवाई का समय नहीं होता, वह उसे कोर्ट के बाहर आरडीसी से नए जूते दिला दे। आरोप है कि कुशलपाल उसके बहकावे में आ गया और हवालात प्रभारी कंछीलाल को बताए बिना अकेले ही उसे कोर्ट के पिछले गेट से निकालकर आरडीसी ले गया। गेट से बाहर आते ही आरोपित हाथ छुड़ाकर भाग गया।

नौशाद के खिलाफ उसके ससुर सलाउद्दीन ने खोड़ा थाने में 12 नवंबर 2018 को नौशाद के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि नौशाद उनकी बड़ी बेटी इशरत का पति है और खोड़ा में ही रहता है। नौ नवंबर को कुरान खरीदने निकली छोटी बेटी नरगिस लापता हो गई थी। नौशाद, इशरत व बच्चों को लेकर ससुराल आया और नरगिस को ढूंढ़ने का दिखावा करने लगा। उसने 11 नवंबर को खोड़ा थाने में गुमशुदगी भी दी। इसी बीच इशरत ने घर जाने को कहा तो उसने अपने कमरे की चाभी देने से इन्कार कर दिया और चला गया। 12 नवंबर को ढूंढ़ते हुए परिजन नौशाद के कमरे तक पहुंचे वह नरगिस के शव के टुकड़े कर बोरे में भर रहा था। उन्होंने कमरा बाहर से बंद कर पुलिस को सूचना दे दी थी। 13 नवंबर को आरोपित डासना जेल पहुंचा था। तभी से वह जेल में बंद था।

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