उन्नाव कांड – सीबीआई ने अपनी जांच में कुलदीप सेंगर को पाया दुष्कर्म का दोषी

उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म मामले में बुधवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि ने उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म मामले में हमने जांच में पाया कि पीड़िता के आरोप बिल्कुल सही हैं। कोर्ट में सीबीआई ने जांच के आधार पर कहा कि 4 जून, 2017 को उसके साथ विधायक कुलदीप सेंगर ने शशि सिंह के साथ साजिश कर पीड़िता का सामूहिक दुष्कर्म किया था।

सीबीआई ने यह भी बताया कि आरोपित शशि सिंह पीड़िता को नौकरी दिलाने के बाद यूपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के पास लेकर गया था। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में कहा कि उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म मामले में हमने जांच में पाया कि पीड़िता के आरोप बिल्कुल सही हैं। उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। कोर्ट में सीबीआई ने यह भी कहा कि आरोप तय करने के लिए काफी सबूत हैं। पीड़िता और उसकी मां ने सीआरपीसी 161 और 164 में पूरा बयान दिया। इस मामले में कोई चश्मदीद नहीं चाहिए।

सीबीआई ने कोर्ट में बयान दिया है कि कुलदीप सिंह सेंगर ने शशि सिंह के साथ मिलकर सामूहिक दुष्कर्म की साजिश रची थी और फिर पूरी योजना के साथ 4 जून, 2017 को पीड़िता के साथ रात 8 बजे दुष्कर्म हुआ था। तब पीड़िता की उम्र 18 साल से कम थी। अपने साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की बात सबसे पहले पीड़िता ने अपनी चाची को बताई थी।

आपको बता दें कि 16 अप्रैल, 2018 को सीबीआई कोर्ट लखनऊ में पीड़िता ने बयान दिया है कि नौकरी के बहाने मेरी भाभी शशि सिंह पीछे के दरवाजे से विधायक के घर ले गई। उस दिन विधायक के घर पर कोई नहीं था। शशि सिंह विधायक के आंगन में खड़ी थी, उसने मुझसे कुछ नहीं पूछा और मैंने कुछ नहीं बताया। फिर यह बात पीड़िता ने अपनी चाची को बताई।

सीबीआई जांच में यह भी पता चला है कि अपने साथ दुष्कर्म के बाद पीड़िता ने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा था, लेकिन 12 जनवरी, 2018 तक कुछ नहीं हुआ। इसके बाद 12 जनवरी 2018 को पीड़िता की मां उन्नाव कोर्ट गई। इसके बाद 3 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता दिल्ली से उन्नाव कोर्ट सुनवाई के लिए गए। हैरानी की बात है कि इतना सब होने के बावजूद पुलिस ने जांच रिपोर्ट लगाई कि पीड़िता के आरोप सही नहीं हैं। इसके बाद हद तो तब हो गई जब उसी दिन पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटा गया और फिर आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार करवा दिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आरोप है कि पिटाई के चलते 9 अप्रैल को जेल में उनकी मौत हो गई। सीबीआई की मानें तो दुष्कर्म पीड़िता को आरोपितों की ओर से बुरी तरह डराया गया। वहीं, पुलिस भी कोई कार्रवाई के लिए तैयार नहीं हुई।

उधर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है और उसे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है।

व्हाट्सएप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

Exit mobile version