आर्टिकल 370 को खत्म करने और कश्मीर के दो हिस्से करने वाले बिल पर लोकसभा में घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल का कड़ा विरोध किया, लेकिन आज बहस के दौरान कांग्रेस अपने ही नेता के एक बयान पर घिर गई।
दरअसल, कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि कश्मीर भारत का अंदरूनी मसला नहीं है। ये एक द्विपक्षीय मसला है और संयुक्त राष्ट्र 1948 से इस पर मॉनिटरिंग कर रही है। अधीर के इस सेल्फ गोल से सदन में कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी होने लगी। अधीर रंजन के बगल में बैठीं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) चेयरपर्सन सोनिया गांधी भी हैरान नज़र आईं। उनके रिएक्शन से साफ दिखा कि वह अधीर रंजन के बयान से बिल्कुल इत्तेफाक नहीं रखती हैं और खासी नाराज़ हैं। हालांकि, सोनिया गांधी ने मनीष तिवारी के भाषण की तारीफ की है और कहा है कि मनीष तिवारी ने पार्टी के पक्ष को सही तरीके से पहुंचाया है।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आपने (अमित शाह) अभी कहा कि कश्मीर अंदरूनी मामला है, लेकिन यहां अभी भी संयुक्त राष्ट्र 1948 से मॉनिटरिंग करता आ रहा है। ऐसे में ये आंतरिक मामला कैसे हो सकता है। बस कांग्रेस नेता के इसी बयान पर गृहमंत्री अमित शाह भड़क गए थे।
अमित शाह ने कहा कि क्या कांग्रेस पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) को भारत का हिस्सा नहीं मानती है, हम इसके लिए जान देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का मतलब पीओके और अक्साई चिन से भी है, क्योंकि इसमें दोनों समाहित हैं। गृहमंत्री ने कहा कि आज के प्रस्ताव और बिल भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाएंगे। यह महान सदन इस पर विचार करने जा रहा है।
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