चेक बाउंस होने की स्थिति में अंतरिम मुआवजा हासिल करने के लिए शिकायतकर्ता को एक अनिवार्य शर्त पूरी करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को स्पष्ट करते हुए कहा है कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 143ए को लेकर 2018 में संशोधन किया गया था।
इस संशोधन के बाद शिकायत दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ताओं को 20 फीसदी अंतरिम मुआवजा हासिल करने का हक मिलेगा। उल्लेखनीय है कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 143ए के तहत प्रावधान है कि चेक बाउंस होने का मामला अदालत में लंबित है, तो आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता को अंतरिम मुआवजा देना होगा।
धारा 143ए में 20 फीसदी रकम जमा कराने का है प्रावधान
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट में संशोधन कर प्रावधान किया गया था कि चेक बाउंस होने की स्थिति में आरोपी की तरफ से पहले ही चेक पर अंकित राशि की 20 फीसदी रकम अदालत में जमा करानी होगी। अगर निचली अदालत में फैसला आरोपी के खिलाफ आता है और वह ऊपरी अदालत में अपील करता है तो उसे फिर से कुल राशि की 20 फीसदी रकम अदालत में जमा करानी होगी।
चेक बाउंस के लंबित हैं 16 लाख मामले
आपको बता दें कि मौजूदा समय में देश भर की निचली अदालतों में चेक बाउंस के करीब 16 लाख मुकदमें चल रहे हैं। चेक प्राप्तकर्ता को राहत देने के उद्देश्य से नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट में संशोधन किए गए थे।
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