पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भारत और हिंदुओं के खिलाफ तीखे और भड़काऊ बयान दिए हैं, जो न केवल क्षेत्रीय शांति के लिए चिंता का विषय हैं, बल्कि पाकिस्तान की विचारधारा में कट्टरता की गहराई को भी उजागर करते हैं।
मुनीर ने कहा, “पाकिस्तान की कहानी अपने बच्चों को ज़रूर सुनानी है। हमारे पूर्वजों ने महसूस किया कि हम हर एंगल से हिंदुओं से अलग हैं – हमारा धर्म, संस्कृति, सोच – सब कुछ। हम दो राष्ट्र हैं, एक नहीं।”
उन्होंने दावा किया कि “दुनिया में केवल दो रियासतें अल्लाह ने कलमे की बुनियाद पर बनाई हैं – मदीना और पाकिस्तान।” इतना ही नहीं, उन्होंने पाकिस्तान को 1300 साल के लंबे संघर्ष का परिणाम बताया और इसे “खुदा की नियामत” करार दिया।
कश्मीर पर फिर उगला ज़हर अपने भाषण में जनरल मुनीर ने कश्मीर को पाकिस्तान की “शिरगर्द नस” (शरीर की अहम नस) बताया और कहा, “कोई भी ताकत कश्मीर को पाकिस्तान से अलग नहीं कर सकती।” यह बयान भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला है और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर की भावना के भी खिलाफ है।
भारत और आतंकवाद को लेकर भ्रामक बयानबाजी मुनीर ने भारत के खिलाफ उग्र तेवर अपनाते हुए कहा, “क्या पाकिस्तान के दुश्मन ये सोचते हैं कि सिर्फ 1500 आतंकवादी देश की किस्मत बदल देंगे? हम जल्द ही आतंकवादियों की कमर तोड़ देंगे।” यह बयान भ्रामक है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बार-बार यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि वह आतंकवाद को समर्थन न दे।
गाज़ा और फिलिस्तीन पर भी बोले इज़रायल और गाज़ा में हो रही घटनाओं का ज़िक्र करते हुए मुनीर ने फिलिस्तीनियों के प्रति समर्थन जताया, लेकिन यह समर्थन उस वक्त और अधिक राजनीतिक रंग ले लेता है जब वह इसे भारत और कश्मीर के मुद्दे से जोड़ते हैं। इससे उनकी मंशा पर सवाल खड़े होते हैं।
कट्टर सोच या राजनीतिक रणनीति? जनरल मुनीर के इस भाषण को सिर्फ एक धार्मिक और भावनात्मक अपील मानना भूल होगी। यह बयान पाकिस्तान के आंतरिक राजनीतिक संकट, आर्थिक बदहाली और अंतरराष्ट्रीय दबाव से ध्यान भटकाने की एक कोशिश भी हो सकती है।
भारत की प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए? भारत को चाहिए कि वह इस प्रकार की भड़काऊ बयानबाज़ी का कूटनीतिक रूप से तीखा जवाब दे और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की उकसावे भरी सोच से अवगत कराए। साथ ही, कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, और रहेगा – यह स्पष्ट संदेश बार-बार दोहराया जाना चाहिए।
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