नोएडा। बाइक बोट की तर्ज पर बाइक यात्रा (एमआईपी) कंपनी के निदेशक राजेश खंतवाल को सेक्टर-58 पुलिस और क्राईम ब्रांच नोएडा ने शनिवार को उत्तराखंड से हिरासत में लिया था। दोपहर बाद उसे थाने लाकर पूछताछ की गई। जिसमें आरोपी ने अब तक 5000 निवेशकों से ठगी करने की बात कबूल की। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए देर रात को उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की जांच पड़ताल में आरोपी के दो खातों की जानकारी मिली है। जिससे 25 से 26 करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया है।
एसपी सिटी विनीत जायसवाल ने बताया कि बीते दिनों 6 लोगों ने आरोपी राजेश के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मामला दर्ज कराया था। पुलिस कई सप्ताह से आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही थी। शुक्रवार तड़के पुलिस ने आरोपी को उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल कोटद्वार झंडा चौक से गिरफ्तार किया है। आरोपी नंदग्राम मरियम नगर शिव मंदिर के पास रहता है। उसने बताया कि बाइक बोट से मिले आइडिया के बाद ही उसने बाइक यात्रा के नाम से अपनी कंपनी शुरू की थी। वह 14 साल तक नौकरी कर चुका है और जुलाई-2018 में उसने कंपनी खोली थी। इसके बाद कंपनी से सैकड़ों लोग जुड़ते चले गए। प्रत्येक व्यक्ति ने 2 लाख से लेकर 30 लाख रुपये तक का निवेश किया है। आरोपी ने करीब 5 हजार निवेशकों से रुपये लेने की बात कबूली है। सीओ श्वेतवाभ पांडेय ने बताया कि निवेशकों की तरफ से राजेश, नितिन त्यागी, नरेंद्र तेवतिया, पुष्पेंद्र आनंद और कपिल धामा समेत 15 पर रिपोर्ट दर्ज है। वहीं, हरियाणा, दिल्ली, गाज़ियाबाद, हापुड़, मेरठ और बुलंदशहर के निवेशकों से भी ठगी की है।
आरोपी जितेंद्र ने मरेठ से बीकॉम किया था और फिर एक कंपनी में अकाउंटेंट की नौकरी करीब 5 साल तक की। इसके बाद उसने ट्रांसपोर्ट का काम शुरू किया। किसी भी काम में तेजी से कमाई नहीं हो पाई तो उसने दोस्तों के साथ मिलकर बाइक बोट की तरह कंपनी रजिस्टर्ड कराई और काम करना शुरू कर दिया। पुलिस ने बताया कि, एक व्यक्ति से एक आईडी पर 15 बाइक तक लगाई जा सकतीं थीं। इसके बाद दूसरी आईडी बनानी होती है और एक से दूसरे व्यक्ति जुड़ने की प्रक्रिया को पौंजी स्कीम कही जाती है। जिसमें एक बाइक के एवज में 62,100 रुपये लिए जाते थे और उस पर 10,100 रुपये प्रतिमाह देने का दावा किया गया था। लोग लालच में आ गए और अपने साथ नजदीकी एवं रिश्तेदारों से पैसा निवेश करवा दिया। धोखाधड़ी कर इन रुपयों से राजेश करीब 10 करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक है।
पुलिस ने बताया कि मामले का खुलासा होने के बाद भी कई लोगों ने राजेश के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। वहीं, निवेशक रवि कश्यप और त्रिलोक सिंह का कहना है कि वह पुलिस के अधिकारियों की बातचीत से संतुष्ट नहीं है। अब वह मुख्यमंत्री से मिलने का समय लेंगे और आरोपी राजेश खंतवाल की सारी संपत्ति को अटैच कराकर उसे नीलाम कराने और उससे मिले पैसों को निवेशकों को लौटने की मांग करेंगे।
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