आज विश्व जनसंख्या दिवस पर आपको भी जाननी चाहिए ये जरूरी बातें..

11 जुलाई 1989 से जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ मनाने की शुरुआत हुई। आज के दिन दुनियाभर में बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कि‍या जाता है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे परिवार नियोजन के सारे दावे फेल हो रहे हैं। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है लड़कियों, युवाओं को आवश्यक जानकारी के साथ सुरक्षा के उपाय के बारे में उनसे खुलकर बात करने की।

क्या है जनसंख्या वृद्धि के कारण?

आज भी कई ऐसे पिछड़े इलाके व गांव हैं, जहां बाल विवाह की परंपरा प्रचलित है जिसके कारण कम उम्र से ही बच्चे पैदा होने शुरू हो जाते हैं, फलस्वरूप अधिक बच्चे पैदा होते हैं।
गरीबी, शिक्षा का अभाव जनसंख्या वृद्धि की एक बड़ी वजह है।
रूढ़िवादी सोच और पुरुष-प्रधान समाज में लड़के की चाह में लोग कई बच्चे पैदा कर लेते हैं।
आज भी कई ऐसी जगहें हैं, जहां बड़े-बुजुर्गों की ऐसी सोच होती है कि यदि उनकी पुश्तैनी धन-संपत्ति अधिक है, तो उसे आगे बढ़ाने और संभालने के लिए ज्यादा लड़के पैदा किए जाएं।
परिवार नियोजन के महत्व को समझाए बगैर ही युवाओं की शादी कर देना भी एक मुख्य कारण है।
आज भी लड़कियों को गर्भ निरोधक के उपाय संबंधित जानकारी शादी के पहले नहीं दी जाती है और कई मामलों में शादी के बाद भी कैसे अनचाहे गर्भ से बचें, उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं होती है।
क्या नुकसान हैं?
ज्यादा बच्चों का भरण-पोषण करना मुश्किल होगा, बच्चों का भी भविष्य खराब होगा साथ ही जीवन कष्टमय बीतेगा।
असमानता बढ़ेगी जिसके लिए बाद में आप सरकार को दोष देंगे। लेकिन इसकी असल शुरुआत तो आपके अपने घर से ही हुई है। घर में ज्यादा बच्चे यानी स्कूल में भी ज्यादा, कॉलेज में भी ज्यादा, नौकरी पाने की दौड़ में भी ज्यादा, फलस्वरूप प्रतिस्पर्धा ज्यादा और इस प्रकार पूरे समाज, दुनिया में असमानता व भेदभाव को बढ़ावा मिलेगा।
नक्सलवाद जैसी समस्याओं का मूल कारण भी यही सामाजिक असमानता है, जो आगे जाकर लोगों में गरीबी-अमीरी के बीच फासले बढ़ाती है।
यदि आबादी कम होगी तो विकास का लाभ सभी को बराबरी से मिल सकेगा। जनसंख्या अधिक होने से समाज की तरक्की धीमी होती है।
बढ़ती जनसंख्या को रोकने के उपाय क्या हैं?
घर-घर तक पहुंचकर लोगों को जनसंख्या रोकने के तरीके व विकल्प बताएं।
युवाओं का 25-30 की उम्र से पहले विवाह न करें और 2 बच्चों के बीच कम से कम 5 साल का अंतर रखने की वजह समझाएं।
जनसंख्या वृद्धि की रोकथाम के लिए इसे सामाजिक और धार्मिक स्तर पर जोड़ें।
अधिक बच्चे पैदा करने वालों का सामाजिक स्तर पर बहिष्कार करें, क्योंकि दूसरे भी यदि ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं, तो इसका असर आपके बच्चों के भविष्य पर भी पड़ेगा। आपके बच्चों के लिए प्रतिस्पर्धा ज्यादा होगी और देश में बेरोजगार होने की आशंका बढ़ेगी।

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