भारतीय सेना की ताकत को मिलेगा और मजबूती: पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर के लिए 10,000 करोड़ रुपये की खरीद

भारत की सुरक्षा के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। केंद्र सरकार ने भारतीय सेना के लिए पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) प्रणाली के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के गोला-बारूद की खरीद की मंजूरी दे दी है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में लिया गया, जो भारतीय सेना की क्षमता को और मजबूत करेगा और सीमा सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा।
पिनाका प्रणाली: एक शक्तिशाली हथियार
पिनाका रॉकेट प्रणाली भारतीय सेना के लिए एक शक्तिशाली और प्रभावी हथियार है, जिसे खासतौर पर सीमाओं पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसकी मारक क्षमता 45 किलोमीटर तक है, जो पाकिस्तान और चीन दोनों सीमाओं पर भारतीय सेना के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इससे भारतीय सेना को दुश्मन के ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाने की ताकत मिलती है।
पिनाका का विकास और स्वदेशी उत्पाद
पिनाका रॉकेट प्रणाली का विकास भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने किया है। इसका उत्पादन भारत की प्रमुख रक्षा कंपनियां जैसे सोलर इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा और ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड द्वारा किया जाता है। यह प्रणाली भारतीय सेना की स्वदेशी शक्ति को दर्शाती है, और यह देश की रक्षा क्षमता को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
साथ ही, पिनाका रॉकेट प्रणाली का निर्यात भी हो रहा है। अब तक, आर्मेनिया ने इस प्रणाली का ऑर्डर दिया है, और फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों ने भी इसमें रुचि दिखाई है। यह भारतीय रक्षा उद्योग की बढ़ती साख का प्रतीक है, और भारत को एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में स्थापित कर सकता है।
गोला-बारूद की खरीद
भारतीय सेना के लिए इस परियोजना के तहत विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद खरीदे जाएंगे। इनमें से कुछ सामग्री नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज और म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL) से प्राप्त की जाएगी। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पहले ही इस बात का जिक्र किया था कि पिनाका रॉकेट प्रणाली के लिए दो अलग-अलग अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। एक अनुबंध 5,700 करोड़ रुपये और दूसरा 4,500 करोड़ रुपये का होगा। इस कदम से भारतीय सेना की रक्षा क्षमता में और वृद्धि होगी, जिससे सीमाओं पर सुरक्षा और मजबूत होगी।
पिनाका की लंबी रेंज और विकास
पिनाका रॉकेट प्रणाली की रेंज 120 किलोमीटर तक बढ़ाने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) काम कर रहा है। इस लंबी रेंज के रॉकेटों के विकसित होते ही भारतीय सेना पिनाका प्रणाली पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगी और लंबी दूरी के वैकल्पिक हथियारों से दूरी बना लेगी। पिनाका की क्षमता को बढ़ाने से भारतीय सेना की ताकत में और इजाफा होगा, खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां दुश्मन की गतिविधियां अधिक होती हैं।
कारगिल युद्ध में पिनाका का योगदान
पिनाका रॉकेट प्रणाली की सफलता का एक प्रमुख उदाहरण 1999 के कारगिल युद्ध में देखा गया था। इस युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पिनाका मार्क-1 संस्करण का इस्तेमाल किया था, जिसने पाकिस्तानी सैनिकों की पहाड़ी चौकियों को सटीकता के साथ निशाना बनाया और दुश्मन को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। यह भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बढ़त साबित हुआ था, जो इस प्रणाली की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
भारत की सैन्य तैयारी और आत्मनिर्भरता
पिनाका रॉकेट प्रणाली का स्वदेशी विकास भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाने के लिए एक अहम कदम है। यह प्रणाली न केवल भारतीय सीमा सुरक्षा को मजबूत करती है, बल्कि भारत को अपनी रक्षा क्षमताओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक मील का पत्थर है। पिनाका का निर्यात भारतीय रक्षा उद्योग की बढ़ती साख का प्रतीक है और यह भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर सकता है।
पिनाका रॉकेट प्रणाली की खरीद और विस्तार से भारतीय सेना की क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। इससे ना केवल सीमा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी, बल्कि भारत को अपनी रक्षा रणनीतियों को और सशक्त बनाने का अवसर मिलेगा। इस कदम से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत अपने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में लगातार प्रगति कर रहा है और वैश्विक स्तर पर अपनी सैन्य क्षमता को स्थापित कर रहा है।
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