एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने 27 फरवरी 2025 को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से एथेना लैंडर को लॉन्च कर इंट्यूटिव मशीन्स के IM-2 मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस मिशन के लिए फाल्कन 9 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया, जिसमें नासा के कई महत्वपूर्ण पेलोड शामिल थे।
मिशन की प्रमुख विशेषताएँ
यह वर्ष 2025 का तीसरा चंद्र लैंडिंग मिशन है।
लॉन्चिंग फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से 27 फरवरी को सुबह 5:46 बजे हुई।
यह मिशन तेजी से चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है और 6 मार्च 2025 को इसकी लैंडिंग संभावित है।
इस मिशन का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के नजदीक उतरना है।
यह नासा के कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज (CLPS) प्रोग्राम और आर्टेमिस प्रोग्राम का हिस्सा है।
मिशन की वैज्ञानिक महत्ता
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा पर इंसानों के भविष्य के लिए अनुकूलता का अध्ययन करना है। इसमें कई वैज्ञानिक उपकरण भेजे गए हैं, जो चंद्रमा की मिट्टी, वातावरण और वहां मौजूद जल स्रोतों की जांच करेंगे।
एथेना लैंडर की लंबाई लगभग 15 फीट (4.7 मीटर) है, और यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से लगभग 100 मील दूर उतरेगा।
मुख्य अनुसंधान और वैज्ञानिक उपकरण
इस मिशन में चंद्रमा की सतह और वहां मौजूद संसाधनों की विस्तृत जांच के लिए निम्नलिखित वैज्ञानिक उपकरण भेजे गए हैं:
माइक्रो-नोवा हॉपर: चंद्रमा के अंधेरे क्रेटरों की जांच के लिए इंट्यूटिव मशीन्स द्वारा भेजा गया।
PRIME 1 (पोलर रिसोर्सेज आइस माइनिंग एक्सपेरिमेंट): यह उपकरण चंद्रमा की सतह पर बर्फ और पानी की खोज करेगा।
लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे: चंद्रमा की सतह का मापन करने और उसका मैप तैयार करने के लिए भेजा गया।
लूनर ट्रेलब्लेजर स्पेसक्राफ्ट: चंद्रमा की कक्षा से वहां मौजूद जल संसाधनों का मैप तैयार करने के लिए तैनात किया गया।
मून मोबिल ऑटोनॉमस प्रॉस्पेक्टिंग प्लेटफॉर्म रोवर: यह उपकरण चंद्रमा की मिट्टी की जांच करेगा और उसकी संरचना का विश्लेषण करेगा।
इस मिशन के तहत चंद्रमा पर “मोंस मूटन” नामक क्षेत्र में अनुसंधान किया जाएगा। यहां विशेष रूप से अंधेरे क्रेटरों में रिसर्च की जाएगी ताकि वहां मौजूद बर्फ और अन्य खनिजों का पता लगाया जा सके।
नासा का निवेश और मिशन का भविष्य
नासा ने इस मिशन की सफलता सुनिश्चित करने और चंद्रमा पर विस्तृत अनुसंधान के लिए 62 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। यह मिशन भविष्य में चंद्रमा पर मानव बसाहट के लिए आधारशिला साबित हो सकता है।
IM-2 मिशन न केवल वैज्ञानिक खोजों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह चंद्र अन्वेषण की दिशा में एक और बड़ा कदम है। इस मिशन से मिलने वाली जानकारियां भविष्य में चंद्रमा पर मानव उपस्थिति को और अधिक सशक्त बनाएंगी।
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