अबू धाबी :- क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान नई ऊर्जा और रणनीतिक साझेदारी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनकी यात्रा के दौरान भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच चार प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग को और मजबूत करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात में, क्राउन प्रिंस ने रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में सहयोग की महत्वता को रेखांकित किया। इस समझौते के तहत, दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए कई नई पहल की जाएंगी, जिससे भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति में राहत मिलेगी और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर नई संभावनाएं खुलेंगी।
भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी साझेदारी को एक नई दिशा दी है। अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की पहली आधिकारिक भारत यात्रा के दौरान चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करेंगे।
इन समझौतों में प्रमुख हैं: 1.एलएनजी आपूर्ति समझौता: अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच दीर्घकालिक एलएनजी आपूर्ति का समझौता हुआ है, जो भारत को स्थिर और सस्ता ऊर्जा स्रोत प्रदान करेगा।
2.परमाणु ऊर्जा सहयोग: अमीरात परमाणु ऊर्जा कंपनी और भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड के बीच समझौते के तहत, यूएई के बाराकाह परमाणु ऊर्जा संयंत्र का संचालन और रख-रखाव किया जाएगा।
3.पेट्रोलियम रिजर्व: इंडिया स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड के साथ एक समझौता किया गया है, जिससे भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति में स्वायत्तता मिलेगी।
4. ऊर्जा उत्पादन रियायत: अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक-1 के लिए उत्पादन रियायत समझौता, जो भारत को तेल उत्पादन की बढ़ी हुई क्षमता प्रदान करेगा।
इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई का दौरा किया, जहां उन्होंने राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों पर गहरी चर्चा की। इस महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान, दोनों नेताओं ने आठ अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच रिश्तों को और भी प्रगाढ़ बनाने के लिए थे।
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