गाजियाबाद। जिले में आटो चालक द्वारा सवारी से लूट के बाद हत्या के मामले में लगातार नई परतें खुल रही हैं। पुलिस के मुताबिक इस वारदात में आटो चालक के साथ उसका एक अन्य दोस्त भी शामिल रहा। वहीं सवारी की अज्ञात लाश मिलने की सूचना थाने से डीसीआरबी (जिला अपराध रिकार्ड केंद्र) में भी दर्ज नहीं कराई गई थी। पुलिस की यह लापरवाही भी उजागर हुई है।
थाना विजयनगर क्षेत्र में 30 जुलाई को मिले बादलपुर निवासी सुरेंद्र के शव की शिनाख्त दो दिन पहले हुई। इससे पहले पुलिस शव का लावारिस में अंतिम संस्कार कर चुकी थी। विजयनगर पुलिस की लापरवाही के कारण एक तो लूट और हत्या के मामले में 89 दिन बाद मुकदमा दर्ज हुआ। दूसरी ओर जानकारी नहीं देने पर परिजनों को सुरेंद्र का शव नहीं मिल सका। पुलिस गंभीरता दिखाती तो न तो परिजनों को परेशानी होती और घटना का खुलासा भी समय से हो जाता।
पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई नहीं
विजयनगर थाने में तैनात जिस पुलिसकर्मी ने लापरवाही बरती है। उसके खिलाफ अभी तक उच्चाधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। अधिकारियों का कहना है कि मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। एसीपी कोतवाली निमिष पाटिल ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी प्रताप विहार निवासी शिवा है।
नंदू निकला दूसरा साथी
एसीपी ने बताया कि चालक ने पूछताछ में बताया कि उसने ही अपने साथी नंदू के साथ मिलकर सुरेंद्र नागर को अकेला पाकर मोबाइल लूटा इसके बाद उन्हें धक्का देकर भाग गए। पुलिस का कहना है कि सुरेंद्र नशे में थे। पुलिस नंदू की भी तलाश कर रही है, ताकि असलियत सामने आ सके।
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