नई दिल्ली। एनसीआरटी द्वारा गठित समिति ने किताबों में इंडिया को बदलकर भारत करने की सिफारिश की है। जिसके बाद देश भर में इंडिया और भारत को लेकर राजनीतिक गर्मा गई है।
एनसीआरटी समिति के सदस्यों में आईसीएचआर के अध्यक्ष रघुवेंद्र तंवर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की प्रोफेसर वंदना मिश्रा, डेक्कन कॉलेज डीम्ड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति वसंत शिंदे और हरियाणा के सरकारी स्कूल में समाजशास्त्र पढ़ाने वाली ममता यादव शामिल हैं। समिति अध्यक्ष सीआई इस्साक ने बताया एनसीईआरटी की किताबों के नाम में बदलाव होगा। यह प्रस्ताव कुछ महीने पहले रखा गया था और अब इसे स्वीकार कर लिया गया है। एनसीईआरटी पैनल के मंजूरी के बाद ये सारी नई किताबों में भारत नाम लागू होगा। समिति द्वारा निर्णय लिया गया है। इतिहास की किताबों में कुछ बदलाव की जाएगा। जिसके बाद देश के अलग अलग प्रदेशों से नेताओं की प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई। स्कूली पाठ्यपुस्तकों में इंडिया को भारत से बदलने की एनसीईआरटी पैनल की सिफारिश पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा हम लोग बचपन से भारत माता की जय, वंदे मातरम जैसे स्लोगन सुनते रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है। अगर किताबों में हमारे देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत किया जा रहा है तो इसमें दिक्कत किया है। स्कूली किताबों में इंडिया को भारत से बदलने की एनसीईआरटी पैनल की सिफारिश पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने का बयान आया है उन्होंने कहा एनसीईआरटी के लोगों की बड़ी जिम्मेदारी रही है कि हमारा इतिहास क्या रहा है, किस प्रकार हमने लड़ाई लड़ी है। किस प्रकार से हम संविधान बनाकर आगे चले हैं ये बताएं। संविधान में लिखा है इंडिया जो कि भारत है, इसे इंडिया बनाम भारत बनान गलत है। पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा हास्यास्पद निर्णय, यह एक राजनीतिक मुद्दा है। इसे आप शिक्षा में नहीं ला सकते। क्योंकि वे इंडिया शब्द से भयभीत हैं। इसलिए मुझे लगता है कि यह एक विचित्र निर्णय है। यह सही निर्णय नहीं है और राजनीतिक रूप से वे भारत और ममता बनर्जी से डरते हैं। यह सबसे अच्छा उदाहरण है।
वो इंडिया नाम से कर रहे नफरत: राउत
स्कूली पाठ्य पुस्तकों में इंडिया की जगह भारत करने के मुद्दे पर शिवसेना (न्ठज्) सांसद संजय राउत ने कहा ये राजनीतिक निर्णय है,क्योंकि सभी राजनीतिक दलों ने मिलकर इंडिया गठबंधन बनाया। तब से ये लोग इंडिया नाम से नफरत करने लगे हैं। हम भारत से नफरत नहीं करेंगे क्योंकि भारत हमारा ही है,भारत हमारा देश है। संविधान में भारत का जिक्र है,लेकिन इंडिया हो या भारत, देश-देश है लेकिन आप एक निर्णय लेने जा रहे हैं कि इंडिया की जगह भारत करने की तो क्या आपकी जिम्मेदारी नहीं है कि सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस बारे में चर्चा करें। भारत हो या इंडिया हो हम तो एक हैं और जल्दी ही आपको पता चलेगा कि 2024 में इंडिया जीतेगा और भारत भी।
गठबंधन का नाम भारत हुआ तो क्या करेंगे भाजपाई
राजद सांसद मनोज झा ने कहा जब से इंडिया गठबंधन का जन्म हुआ तब से कई प्रकार की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। वे कुछ तय नहीं कर पा रहे हैं कि किस प्रकार से इंडिया गठबंधन पर आक्रमण करें। ये घबराहट वाली प्रतिक्रियाएं हैं। देश के नाम के साथ भी खिलवाड़ किया जाएगा क्या? आप जिस इंडिया गठबंधन के कारण ये सब कर रहे हैं, अगर इंडिया गठबंधन ने अपना नाम भारत कर लिया फिर आप क्या करेंगे। कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा वे पाठ्यपुस्तक और पाठ्यक्रम के माध्यम से भारत के इतिहास को विकृत कर रहे हैं। हमारे लिए भारत और इंडिया दोनों बराबर है। ये चुनावी रणनीति और ध्रुवीकरण की राजनीति हैं। वे राजनीतिक मकसद के लिए ऐसा कर रहे हैं।
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