हुबली। विदेशों में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर भारत ने सख्त संदेश दिया है। विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश और खालिस्तान के प्रति सहानुभूति रखने पर सख्त रूख दिखाया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, भारत के राष्ट्रीय ध्वज- तिरंगे का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कर्नाटक के हुबली में एक कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि यूएनएससी में बैठे कुछ वर्तमान सदस्य इस बात के इच्छुक नहीं हैं कि भारत भी यूएनएससी का सदस्य होना चाहिए। कब तक दरवाजा बंद रखा जाएगा, हम दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं। हम दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्था हैं। हम दुनिया में काफी बड़ा भाग साझा करते हैं। हमारे अस्तित्व से सभी को फर्क पड़ता है। यह कुछ ऐसा है, जिसे पाने के लिए हम कोशिश करते रहेंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पिछले दिनों लंदन, कनाडा और सैन फ्रांसिस्को में कुछ घटनाएं देखी हैं। जब यह घटना हुईं तब हमारे उच्चायुक्त ने पहले से भी बड़ा राष्ट्रीय ध्वज पूरी इमारत पर लगा दिया। आज का इंडिया राष्ट्रीय ध्वज को नीचे खींचे जाना स्वीकार नहीं करेगा। घटना वाले दिन ही हमारे उच्चायुक्त ने पहले से भी बड़ा राष्ट्रीय ध्वज उस इमारत पर लगा दिया। यह न केवल खालिस्तानियों के लिए, बल्कि ब्रिटिश लोगों के लिए भी कड़ा जवाब था। यह इस बात का प्रतीक है कि यह हमारा नेशनल फ्लैग है और यदि किसी ने इसका अपमान करने की कोशिश की तो हम इससे भी बड़ा फ्लैग लगा देंगे। आज एक अलग भारत है, एक ऐसा भारत जो बहुत जिम्मेदार है और बहुत मजबूत भी। एस जयशंकर ने कहा कि भारत ऐसा देश नहीं है जो अपने राष्ट्रीय ध्वज को अपमानजनक तरीके से नीचे उतारा जाना बर्दाश्त कर ले; क्योंकि यह देश ‘बहुत दृढ़’ होने के साथ-साथ ‘बहुत जिम्मेदार’ भी है।
बता दें कि ब्रिटेन में भारत के उच्चायोग और अमेरिकी शहर सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास में अलगाववादी तत्वों ने भारतीय ध्वज को उतारने और तिरंगे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। इन घटनाओं के जवाब में विदेश मंत्री की टिप्पणी काफी अहम है। पंजाब में खालिस्तान से सहानुभूति रखने वाले अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों पर कार्रवाई के बाद कई जगहों पर तिरंगे से जुड़ी घटनाएं हुईं हैं।
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