दिल्ली। दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद युवक भूल गया कि उसे जाना कहां है। इसी उधेड़बुन में 40 घंटे तक युवक यही सोचता रहा कि जाना कहां है लेकिन उसे कुछ याद नहीं आ पाया। । आखिर में युवक के माता-पिता दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गए। जहां उन्होंने सीआईएसएफ अधिकारियों को बताया गया कि उनका बेटा एक बीमारी से जूझ रहा है। जिसमें वह कई बार चीजें भूल भी जाता है।
एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि मामले की शुरुआत 16 दिसंबर की सुबह से हुई। युवक की टी-3 से मिजोरम जाने वाली फ्लाइट थी। वह समय से पहले दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गए थे। टी-3 में प्रवेश करने के बाद सिक्योरिटी चेक कराकर वह समय से पहले अपनी फ्लाइट पकड़ने वाले बोर्डिंग गेट के सामने पहुंच गए लेकिन जब उन्हें अपनी फ्लाइट में बैठना था। वह फ्लाइट में नहीं गए और वहीं बोर्डिंग गेट के पास ही बैठे रहे। एयरलाइंस की ओर से अनाउंसमेंट भी किया गया, लेकिन उनकी फ्लाइट छूट गई।
इस दौरान उसका मोबाइल भी बंद हो गया। युवक जब घर नहीं पहुंचा तो उसके माता-पिता को टेंशन होने लगी और आखिर वो दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि उनके बेटे को दिल्ली से फ्लाइट पकड़कर मिजोरम के आइजोल जाना था। उन्होंने सीआईएसएफ अधिकारियों को बताया गया कि उनका बेटा एक ऐसी बीमारी से जूझ रहा है, जिसमें वो कई बार चीजें भूल भी जाता है कि उसे करना क्या है।
इसके बाद सीआईएसएफ अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एयरपोर्ट के सीसीटीवी कैमरों को चेक किया और युवक टी-3 के अंदर बोर्डिंग गेट के पास 40 घंटे से बैठा हुआ था, जहां से मिजोरम की फ्लाइट जानी थी। इसके बाद सीआईएसएफ अधिकारियों ने युवक को उसके माता-पिता के हवाले कर दिया और वो उसे लेकर वहां से रवाना हो गए। माता-पिता सीआईएसएफ की त्वरित कार्रवाई पर शुक्रिया अदा करते हुए अपने बेटे को साथ ले गए।
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