लंदन। भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के फैसले खिलाफ ब्रिटेन के सर्वोच्च न्यायालय से करारा झटका लगा है। युनाइटेड किंगडम के सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्यर्पण के खिलाफ नीरव मोदी की याचिका को खारिज कर दिया है। नीरव मोदी के पास प्रत्यर्पण को टालने का यह आखिरी विकल्प था।
गुरुवार को लंदन हाईकोर्ट के जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जे की बेंच ने नीरव को सुप्रीम कोर्ट में अपील से रोक दिया। खास बात यह है कि इन्हीं दो जजों ने 51 साल के नीरव की पिछली याचिका पर भी सुनवाई की थी। तब नीरव ने कहा था कि वो मानसिक तौर पर बीमार है और उसे भारत के हवाले नहीं किया जाना चाहिए। तब भी इन्हीं दो जजों ने उसकी याचिका खारिज करते हुए उसके प्रत्यर्पण के आदेश दिए थे।
बीते माह नौ नवंबर को लंदन में हाईकोर्ट ने नीरव मोदी को भारत को प्रत्यर्पित करने का फैसला सुनाया था। हालांकि उसने हाईकोर्ट में एक और याचिका दाखिल करके ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका दाखिल करने की मांग की थी। आज उसकी इसी अपील पर लंदन की हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। उससे पहले, पिछले साल फरवरी में वेस्टमिंस्टर जज ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश सुनाया था। हालांकि बाद में उसे इस फैसले के खिलाफ अपील करने की मंजूरी दी गई थी। भारत लंबे समय से नीरव मोदी को भारत लाने की कोशिशों में लगा है। लेकिन ब्रिटेन की जेल में बंद नीरव मोदी अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए अलग-अलग दलीलें दे रहा है।
विशेष पीएमएलए कोर्ट ने घोषित किया था आर्थिक अपराधी
इससे पहले विशेष पीएमएलए कोर्ट द्वारा दिसंबर 2019 में भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के अनुसार नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। जिसके बाद वह लंदन भाग गया था। तीन साल पहले नीरव मोदी को ब्रिटेन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने 13 मार्च 2019 को लंदन से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह साउथ वेस्ट लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में कैद है।
नीरव मोदी पर 7000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप
बता दें कि नीरव मोदी ने पीएनबी से करीब 7000 करोड़ रुपये का घोटाला किया था। जिसके बाद वह विदेश भाग गया था। फिलहाल वह लंदन की एक जेल में है। भारत सरकार उसे वापस लाने की हर संभव कोशिश कर रही है। नीरव मोदी ने 2017 में अपनी कंपनी फायरस्टार डायमंड के जरिए प्रतिष्ठित रिदम हाउस बिल्डिंग खरीदी थी। उसका प्लान इसे हेरिटेज प्रॉपर्टी में बदलने का था। माना जाता है कि उसने ज्यादातर संपत्तियां पीएनबी घोटाले से हासिल रकम से खरीदी थी।
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