रांची। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में झारखंड में बांग्लादेशी मुसलमानों की ‘घुसपैठ’ का मुद्दा उठाया और मांग की कि सरकार वहां राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का अभ्यास करे और हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को ‘इस्लामीकरण’ की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए बर्खास्त करे।
गोड्डा से भाजपा सांसद ने कहा कि बांग्लादेशी मुसलमान भोली आदिवासी लड़कियों से शादी करके क्षेत्र की जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) को बदलना चाहते हैं। उन्होंने साहिबगंज में आदिवासी कोटे से चुनी गई एक जिला परिषद की मुखिया का उदाहरण दिया जिसने एक मुस्लिम से शादी की और कहा कि ऐसे हजारों उदाहरण हैं।
सदन के नियम 377 के तहत मुद्दा उठाते हुए दुबे ने कहा कि वह पिछले 13-14 वर्षों से बांग्लादेश से घुसपैठ के मुद्दे को झंडी दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, “इस मुद्दे का हिंदू-मुसलमान से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि घुसपैठ करने वाले हिंदू और मुसलमान दोनों का रोजगार छीन रहे हैं।”
दुबे ने साइबर क्राइम के साथ-साथ झारखंड से अवैध रूप से बांग्लादेश भेजी जा रही रही गायों और रेत का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने आगे कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्रों को उर्दू में पढ़ाया जा रहा है और अब साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को स्थानांतरित कर दिया गया है। इन चार-पांच मुद्दों के कारण क्षेत्र में अशांति है और वह इस्लामीकरण की ओर बढ़ रहा है।
दुबे ने कहा, “मैं सरकार से वहां एनपीआर को लागू करने का अनुरोध करता हूं, वहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का एक कार्यालय होना चाहिए। चूंकि झारखंड सरकार कांग्रेस के साथ इन गतिविधियों में सहायता कर रही है, इसलिए अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए।”
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