दिल्ली। गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर कहा कि जहां कहीं भी मंदिर तोड़े गए हैं, उन्हें फिर से बसाया जाना चाहिए। गोवा सीएम ने कहा कि उन्होंने अपने राज्य में पुर्तगालियों द्वारा नष्ट किए गए मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए बजट का आवंटन तैयार कर लिया है।
सावंत ने ये बातें आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइज़र के संपादक प्रफुल्ल केतकर से बात करते हुए कही। गोवा में तोड़े गए मंदिरों के बारे में बात करते हुए प्रमोद सावंत ने कहा- “पुर्तगाली शासन के 450 वर्षों में, हिंदू संस्कृति का विनाश हुआ और कई लोगों का धर्मांतरण हुआ। राज्य के मंदिरों को नष्ट कर दिया गया। हम इन सबका कायाकल्प करने जा रहे हैं। इसमें गलत क्या है? मेरा मानना है कि जहां भी मंदिर नष्ट हालत में हैं, उनका पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए। यह मेरी दृढ़ राय है। हमारी सरकार ने पहले ही मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए बजट तैयार कर लिया है”।
सावंत ने कहा कि राज्य सरकार गोवा के भीतरी इलाकों में भी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे रही है और लोगों को मंदिरों में जाने के लिए प्रेरित कर रही है। उन्होंने कहा- “हर गाँव में एक-दो मंदिर होते हैं। हमें लोगों को समुद्र तट से मंदिर तक ले जाना है”।
वहीं, जब बात समान नागरिक संहिता (UCC) की आई तो सावंत ने कहा कि गोवा में यह पहले से ही लागू है। उन्होंने कहा- “मैं गर्व से कहता हूं कि गोवा अपनी आजादी के बाद से समान नागरिक संहिता का पालन कर रहा है। मेरा मानना है कि अन्य सभी राज्यों को यूसीसी का पालन करना चाहिए। हमने अन्य मुख्यमंत्रियों के साथ भी गोवा यूसीसी पर चर्चा की है”।
सीएम सावंत ने गोवा की मुक्ति में देरी के लिए तत्कालीन सरकार को दोषी ठहराने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि भारत 1947 में स्वतंत्र हुआ, जबकि गोवा ने 1961 में मुक्ति हासिल की। सावंत ने कहा- “मैं पूछना चाहता हूं कि इस 14 साल की देरी के लिए कौन जिम्मेदार है? इस पर खुले मंच पर चर्चा होनी चाहिए। देश भर के लोगों ने गोवा की मुक्ति के लिए संघर्ष किया और उन्हें पुर्तगालियों से गोलियां खानी पड़ीं। उस पर भी चर्चा होनी चाहिए।”
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