साहिबाबाद। मोटी सैलरी और बड़े-बड़े पैकेज का लालच दिखाकर साइबर क्रिमिनल बेरोजगार युवाओं को ठग रहे हैं। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि नौकरी के नाम पर 200 से ज्यादा बेरोजगारों को साइबर अपराधी ठगी का शिकार बना चुके हैं, जिनसे 40 लाख रुपये से अधिक की रकम ठगी जा चुकी है। पुलिस ने चार युवतियों समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
टीला मोड़ पुलिस और साइबर सेल ने गगन विहार क्षेत्र के एक मकान से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें चार युवतियां शामिल हैं। पुलिस को गगन विहार क्षेत्र के एक मकान में फर्जी कॉलसेंटर की सूचना मिली थी। इसके बाद मकान पर छापा मारा गया। पुलिस अधीक्षक नगर द्वितीय गाजियाबाद ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपितों की पहचान सरगना अनुज कुमार निवासी मौसम विहार, सना, नगमा व शीबा निवासीगण सुंदर नगरी दिल्ली और रूख्सार निवासी पसौंडा साहिबाबाद के रूप में हुई है।
साइबर सेल के नोडल अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक अभय कुमार मिश्र ने बताया कि 12वीं पास अनुज कुमार गिरोह का सरगना है। वह नौकरी डाट काम से बेरोजगार युवक-युवतियों का डाटा चुराता था। उन्हें अन्य आरोपितों से कॉल कराता था। कंपनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे रजिस्ट्रेशन के नाम पर तीन से 10 हजार रुपये तक जमा कराते थे। उसके बाद उनका खुद ही आनलाइन साक्षात्कार लेते थे। उसमें पास बताकर नौकरी के लिए बीमा कराने का झांसा देकर पांच से सात हजार रुपये तक जमा कराते थे। रुपये मिलने पर संपर्क बंद कर देते थे।
आरोपी फर्जी आईडी पर सिम खरीदकर व फर्जी नाम, पते पर ही बैंक खाता खुलवाते थे। इन्हीं के माध्यम से ही लोगों से राशि प्राप्त करते थे। पूरी तरह से संपर्क टूटने पर पर ही लोगों को ठगी होने की जानकारी होती थी। दिलचस्प बात यह है कि गिरोह का सरगना 12वीं पास है जबकि दो युवतियां दसवीं पास हैं। सभी ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं का इंटरव्यू लेते थे और रुपये ऐंठ लेते थे।
अभय कुमार मिश्र ने बताया कि अब तक मिले विवरण से पता चला है कि आरोपितों ने दो सौ से ज्यादा युवक-युवतियों को ठगा है। अब तक इन लोगों ने करीब करीब 40 लाख रुपये की ठगी की है। बैंक खातों व मोबाइल नंबरों का विवरण खंगाला जा रहा है। उससे पता चलेगा कि अब तक कुल कितने लोगों से कितने रुपये की ठगी की है।
उनके पास से नौ मोबाइल, एक आधार कार्ड, 96 डाटा पेपर शीट, एक एटीएम कार्ड व एक पैनकार्ड बरामद हुआ है। पूछताछ में पता चला है कि आरोपितों ने छह माह पहले गगन विहार में किराए पर फ्लैट लिया। वहां से ठगी करने लगे। इससे पहले यह गैंग दिल्ली में भी अपना नेटवर्क चला चुका है। ठग गाजियाबाद से पहले दिल्ली में तीन-चार जगहों पर रहकर ठगी कर चुके हैं। आरोपी दो से तीन महीने में ही अपना ऑफिस बदल देते थे।
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