मुरादाबाद में मेडिकल टीम और पुलिसकर्मियों पर पथराव की घटना का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स व कर्मी, सभी सफाई अभियान से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी, सुरक्षा में लगे सभी पुलिस कर्मी इस आपदा की घड़ी में दिन-रात सेवा कार्य में जुटे हैं। इन पर हमला करना अक्षम्य अपराध है, जिसकी घोर निंदा की जाती है।
राजकीय संपत्ति के नुकसान की भरपाई भी सख्ती से होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपदा नियंत्रण अधिनियम और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने कहा कि उनके द्वारा किए गए राजकीय संपत्ति के नुकसान की भरपाई भी उनसे सख्ती से की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस प्रशासन ऐसे उपद्रवी तत्वों को तत्काल चिन्हित करे और हर नागरिक की सुरक्षा के साथ ही उपद्रवी तत्वों पर पूरी सख्ती भी करे।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, सोमवार देर रात तीर्थांकर मेडिकल यूनिवर्सिटी में तबलीगी जमात में शामिल हुए एक 49 वर्षीय कोरोना संक्रमित की मौत हो गई थी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम बुधवार को उसके परिवार के अन्य सदस्यों को क्वारंटाइन करने के लिए पहुंची थी। जब टीम परिवार के लोगों को लेकर जा रही थी, तभी आस-पास के लोग इकठ्ठा हो गए और कहने लगे कि क्वारंटाइन सेंटर में खाना नहीं दिया जा रहा है। हम अपने लोगों को क्वारंटाइन सेंटर नहीं भेजेंगे। इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। इस पथराव में एम्बुलेंस और पुलिस की दो गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई. इसमें एक डॉक्टर सहित तीन पुलिसकर्मी घायल हैं।
जघन्य अपराध है, सख्त कार्रवाई होगी
उधर एडीजी लॉ एंड आर्डर पीवी रामाशास्त्री ने बताया कि मौके पर डीएम और एसएसपी पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि यह जघन्य अपराध है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि समाज पूरी तरह से सहयोग कर रहा है, लेकिन कुछ लोग अफवाह के चक्कर में ऐसी हरकतें कर रहे हैं। आरोपियों की शिनाख्त कर रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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