इसके अलावा 243 स्कूलों के तत्कालीन प्रधानाचार्य और सहखाताधारकों को भी आरोपी बनाया गया है। इन सभी मिलीभगत कर छात्रवृत्ति और किताबों के पैसों में हेराफेरी का आरोप है।
प्रधानाचार्य, प्रधान व अफसरों ने उड़ाए 44 लाख
ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि प्रधानाचार्य, ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव व अफसरों की मिलीभगत से 44 लाख की बंदरबांट र्हुई। जांच के अनुसार ब्लॉक फतेहपुर चौरासी के 40 स्कूलों में छात्रवृत्ति के पैसों में 11 लाख 33 हजार रुपये की हेराफेरी र्हुई।
सफीपुर ब्लॉक के 20 स्कूलों में लगभग पौने तीन लाख, असोहा ब्लॉक के 16 स्कूलों में एक लाख, हिलौली ब्लॉक के 39 स्कूलों में 8 लाख, पुरवा ब्लॉक के 23 स्कूलों में सवा तीन लाख, बिछियां ब्लॉक के 20 स्कूलों में साढ़े तीन लाख, बीघा पुर ब्लॉक के 22 स्कूलों में सवा दो लाख, सिकंदरपुर कर्ण ब्लॉक के 26 स्कूलों में 2.60 लाख, सिकंदरपुर सरौसी ब्लॉक के 31 स्कूलों में 7.80 लाख और गंज मुरादाबाद ब्लॉक के 9 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में डेढ़ लाख रुपये की हेराफेरी पकड़ी गई।
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