यूपी में छात्रवृत्ति घोटाला, अरबों की हेराफेरी, कई अधिकारियों पर केस दर्ज

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उन्नाव के 10 ब्लॉकों में 2001 से 2010 तक हुए छात्रवृत्ति घोटाले में आर्थिक अपराध अनुसंधान (ईओडब्ल्यू) ने 10 अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें तत्कालीन 10 जिला समाज कल्याण अधिकारी, 2 पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी और इन दोनों विभागों के बाबुओं समेत 22 लोगों को नामजद किया गया है।

इसके अलावा 243 स्कूलों के तत्कालीन प्रधानाचार्य और सहखाताधारकों को भी आरोपी बनाया गया है। इन सभी मिलीभगत कर छात्रवृत्ति और किताबों के पैसों में हेराफेरी का आरोप है।

प्रधानाचार्य, प्रधान व अफसरों ने उड़ाए 44 लाख 
ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि प्रधानाचार्य, ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव व अफसरों की मिलीभगत से 44 लाख की बंदरबांट र्हुई। जांच के अनुसार ब्लॉक फतेहपुर चौरासी के 40 स्कूलों में छात्रवृत्ति के पैसों में 11 लाख 33 हजार रुपये की हेराफेरी र्हुई।

सफीपुर ब्लॉक के 20 स्कूलों में लगभग पौने तीन लाख, असोहा ब्लॉक के 16 स्कूलों में एक लाख, हिलौली ब्लॉक के 39 स्कूलों में 8 लाख, पुरवा ब्लॉक के 23 स्कूलों में सवा तीन लाख, बिछियां ब्लॉक के 20 स्कूलों में साढ़े तीन लाख, बीघा पुर ब्लॉक के 22 स्कूलों में सवा दो लाख, सिकंदरपुर कर्ण ब्लॉक के 26 स्कूलों में 2.60 लाख, सिकंदरपुर सरौसी ब्लॉक के 31 स्कूलों में 7.80 लाख और गंज मुरादाबाद ब्लॉक के 9 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में डेढ़ लाख रुपये की हेराफेरी पकड़ी गई।

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