नरेंद्र मोदी 2.0 सरकार ने सत्ता में आते ही बिजली की खपत में कमी करने की नीति तैयार कर ली है। इस पर एक सप्ताह में फैसला होने की उम्मीद है। बिजली मंत्रालय के अनुसार, नई टैरिफ नीति में बिजली सब्सिडी को लेकर भी बड़ा बदलाव किया जा रहा है। इस नीति में बिजली सब्सिडी सीधे ग्राहक के बैंक खाते में भेजे जाने का प्रस्ताव है। इसके लिए राज्यों से एक साल के अंदर बिजली से सिंचाई करने वाले किसानों का रिकॉर्ड तैयार करने के लिए कहा गया है ताकि अगले वित्त वर्ष से उनके बैंक खाते में बिजली सब्सिडी भेजी जा सके।
अब दिन में बिजली के दाम कम होंगे
नई इलेक्ट्रिसिटी टैरिफ पॉलिसी के अनुसार, दिन में बिजली के दाम कम होंगे क्योंकि इस समय राज्य सौर ऊर्जा से पैदा होने वाली बिजली सप्लाई करेंगे। बिजली वितरण कंपनियां अलग-अलग स्त्रोतों से बिजली लेंगी और उसी के हिसाब से ग्राहकों के लिए बिजली की दरें तय की जाएंगी।
सरकार का कहना है कि अब तक बिजली से जुड़ी नीतियां पावर और ट्रांसमिशन कंपनियों के हिसाब से बनती थीं, मगर अब उन्हें ग्राहक के हितों के आधार पर तैयार किया जाएगा। नई टैरिफ पॉलिसी के जरिए घरों में स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य हो जाएगा। इसका जिम्मा राज्यों की वितरण कंपनियों को सौंपा जाएगा। हर घर में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए तीन साल का समय तय किया गया है।
ग्राहकों के लिए भी फायदेमंद
स्मार्ट मीटर ग्राहकों के लिए भी फायदेमंद होगा। कितनी बिजली इस्तेमाल करनी है, ये कैलकुलेट करना बेहद आसान हो जाएगा। बिजली कंपनियों के लिए भी स्मार्ट मीटर सप्लाई को मॉनिटर करने में मददगार बनेंगे।
एक राष्ट्र एक ग्रिड
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2019-20 में ‘एक राष्ट्र एक ग्रिड’ के तहत राज्यों को किफायती दरों पर बिजली मुहैया कराने की बात कही है। सरकार उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) में सुधार करेगी और बिजली क्षेत्र के लिए नए पैकेज की घोषणा करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार बिजली क्षेत्र के लिए नई शुल्क योजना लाएगी।
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