भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने लोन ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की घोषणा की है, जो 15 अप्रैल, 2025 से लागू हो गई है। यह फैसला रेपो रेट में कटौती के बाद लिया गया है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में की गई थी। इस कदम से लोन लेने वाले ग्राहकों को कम ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा, जिससे उनकी ईएमआई (EMI) में भी कमी आएगी।
क्या है रेपो रेट में कटौती का असर? रेपो रेट, वह दर है जिस पर RBI, बैंकों को पैसा उधार देता है। जब रेपो रेट घटता है, तो बैंकों की उधारी सस्ती होती है, और इसका असर बैंकों द्वारा ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन के ब्याज दरों पर पड़ता है। हाल ही में हुई एमपीसी (MPC) बैठक में RBI ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी की कटौती की घोषणा की थी, जिससे बैंकों द्वारा दिए जाने वाले लोन की ब्याज दरें भी घटने की संभावना थी। इस फैसले के बाद, एसबीआई ने अपने लोन ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है।
एसबीआई की नई ब्याज दरें एसबीआई ने अपनी ईबीएलआर (External Benchmark Based Lending Rate) को 8.90 फीसदी से घटाकर 8.65 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा, RLLR (Repo Linked Lending Rate) को भी घटाकर 8.25 फीसदी कर दिया गया है, जो पहले 8.50 फीसदी था। हालांकि, CRP (Credit Risk Premium) में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
यह कटौती विभिन्न प्रकार के लोन, जैसे घर के लोन, वाहन लोन, व्यक्तिगत लोन आदि में प्रभावी होगी। इसका सीधा फायदा उन ग्राहकों को होगा जिन्होंने एसबीआई से लोन लिया है और वे कम ब्याज दर पर ऋण चुका सकेंगे।
साधारण उदाहरण से समझें असर मान लीजिए आपने एसबीआई से 20 साल के लिए 10 लाख रुपये का लोन लिया है, और पहले आपको 8.25 फीसदी की ब्याज दर पर 8,521 रुपये की ईएमआई चुकानी पड़ती थी। लेकिन अब जब ब्याज दर घटकर 8 फीसदी हो गई है, तो आपकी ईएमआई घटकर 8,364 रुपये हो गई है। इसका मतलब है कि अब आपको प्रति माह 157 रुपये कम चुकाने होंगे, जिससे आपकी वित्तीय स्थिति में थोड़ा और आराम आएगा।
इस फैसले का फायदा कैसे उठाएं? एसबीआई द्वारा ब्याज दरों में की गई इस कटौती का फायदा उठाने के लिए, ग्राहक अपने लोन की री-रिविजन (revised) ब्याज दर पर पुनः विचार कर सकते हैं। इसके अलावा, जिन ग्राहकों का लोन पहले से चल रहा है, वे अपनी मौजूदा ईएमआई में राहत पा सकते हैं और उन्हें अतिरिक्त वित्तीय बोझ से मुक्ति मिल सकती है।
एसबीआई का यह कदम न सिर्फ लोन लेने वालों को राहत देगा, बल्कि यह भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में दरों के संदर्भ में अन्य बैंकों पर भी प्रभाव डाल सकता है। यदि आप भी एसबीआई से लोन लेने का सोच रहे हैं या पहले से लोन ले चुके हैं, तो इस नई ब्याज दर से आपको निश्चित रूप से फायदा होगा।
एसबीआई के इस फैसले के बाद, अन्य बैंकों से भी ब्याज दरों में कमी आने की संभावना है, जिससे ग्राहकों को ज्यादा सुविधाएं और कम लागत पर ऋण मिल सकेगा।
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