आगरा: महाराणा सांगा की जयंती को लेकर आज आगरा में एक अजीबोगरीब माहौल देखने को मिला, जब समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के विवादास्पद बयान ने पूरे शहर में हलचल मचा दी। सुमन द्वारा महाराणा सांगा को ‘गद्दार’ कहे जाने के बाद क्षत्रिय समाज में भारी आक्रोश पैदा हो गया है, जिसके बाद करणी सेना ने जयंती के अवसर पर एक विशाल विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया।
समाजवादी पार्टी के सांसद पर बढ़ता गुस्सा
21 मार्च को राज्यसभा में दिए गए अपने बयान में रामजी लाल सुमन ने कहा था, “मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो फिर हिन्दू गद्दार राणा सांगा की।” यह बयान न केवल सुमन के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया का कारण बना, बल्कि पूरे क्षत्रिय समाज को एकजुट कर दिया। महाराणा सांगा को लेकर इस टिप्पणी ने क्षत्रिय समाज के लोगों को नाराज कर दिया और इसके विरोध में आगरा में विशाल संख्या में लोग इकट्ठा हो गए।
80,000 से अधिक लोग जुटे, कार्यक्रम में उग्र विरोध
आज आगरा के गढ़ी रामी क्षेत्र में आयोजित महाराणा सांगा की जयंती के आयोजन में 80,000 से अधिक लोग पहुंचे, जिनमें ज्यादातर लोग केसरिया साफा पहने हुए थे। करणी सेना की अगुवाई में इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने का प्रयास किया गया था। 50 बीघे में बने विशाल पंडाल में तीन लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान था, लेकिन इस बार जयंती का आयोजन उस तरह से शांतिपूर्ण नहीं रहा, जैसा कि पहले होता था।
सुरक्षा बलों का कड़ा इंतजाम
जयंती समारोह के दौरान पुलिस बल की उपस्थिति को लेकर तनाव पैदा हो गया। जब पुलिस गढ़ी रामी पहुंची, तो करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने तलवारों और लाठियों के साथ पुलिस का विरोध किया। स्थिति को बिगड़ते देख पुलिस को कार्यक्रम स्थल से वापस लौटना पड़ा।
चुनौतीपूर्ण स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने 500 स्थानों पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की है, और सुरक्षा के लिए 10,000 पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। ड्रोन के जरिए स्थिति की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, रामजी लाल सुमन के घर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जहां 1000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
सपा सांसद की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
रामजी लाल सुमन के खिलाफ गुस्से को देखते हुए उनके घर को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है। एक किलोमीटर के इलाके को सील कर दिया गया है और मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। इसके अलावा, उन्होंने अपनी निजी सुरक्षा के लिए 10 बाउंसर भी तैनात किए हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम इस बात को दर्शाते हैं कि स्थिति कितनी संवेदनशील हो गई है।
समाज के विभिन्न वर्गों में विवाद
रामजी लाल सुमन के बयान ने न केवल करणी सेना को बल्कि पूरे क्षत्रिय समाज को उकसाया है। हालांकि, उन्होंने अपने बयान में बाबर की आलोचना की थी, लेकिन राणा सांगा की आलोचना करना एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। इस बयान को लेकर पूरे उत्तर भारत में व्यापक गुस्सा देखा जा रहा है।
कुल मिलाकर: तनावपूर्ण माहौल और राजनीतिक असर
आगरा में महाराणा सांगा की जयंती पर गुस्से का माहौल और रामजी लाल सुमन के खिलाफ बढ़ते विरोध ने इस विवाद को एक राष्ट्रीय चर्चा का विषय बना दिया है। प्रशासन की कड़ी सुरक्षा और सख्त कदमों के बावजूद यह मामला अब केवल एक राजनीतिक विवाद नहीं, बल्कि समाज के एक बड़े हिस्से की भावनाओं से जुड़ गया है। आने वाले समय में इस मामले का राजनीतिक और सामाजिक असर साफतौर पर देखा जा सकता है।
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