2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाए जाने के बाद एनआईए ने गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया, जहां अदालत ने उसे 18 दिनों की हिरासत में भेज दिया। यह कार्रवाई भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और अमेरिकी प्रशासन के बीच हुए सफल प्रत्यर्पण समझौते का नतीजा है, जिसके तहत राणा को अमेरिका से भारत लाया गया।
एनआईए ने कोर्ट से राणा की 20 दिन की हिरासत की मांग की थी, ताकि 26/11 हमले की गहराई से जांच की जा सके। अदालत ने फिलहाल 18 दिन की एनआईए हिरासत मंजूर की है। जांच एजेंसी ने कहा कि इस दौरान तहव्वुर राणा से हमले के पीछे की विस्तृत साजिश, नेटवर्क और अन्य संभावित साजिशकर्ताओं के बारे में पूछताछ की जाएगी।
IGI एयरपोर्ट पर पहुंचते ही हुई गिरफ्तारी
गुरुवार शाम तहव्वुर राणा जैसे ही दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा, एनआईए की टीम ने उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। इसके तुरंत बाद उसे कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच पटियाला हाउस कोर्ट लाया गया, जहां उसे विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश किया गया।
उच्च सुरक्षा वाली कोठरी में रखा गया
अदालती आदेश के बाद राणा को भारी सुरक्षा के बीच एनआईए मुख्यालय स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स ले जाया गया। अधिकारियों के मुताबिक, उसे एक उच्च सुरक्षा वाली कोठरी में रखा गया है, जहां पर दिन-रात निगरानी रखी जा रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल वेपन्स एंड टैक्टिक्स (SWAT) टीम और अन्य सुरक्षाकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात हैं।
166 मौतें, 238 घायल: अब साजिश से उठेगा पर्दा?
26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले ने देश को हिला कर रख दिया था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक लोग घायल हुए थे। तहव्वुर राणा पर इस हमले की साजिश रचने में अहम भूमिका निभाने का आरोप है। एनआईए का मानना है कि राणा से पूछताछ के दौरान हमले से जुड़ी कई अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं।
अदालत का सख्त रुख: मेडिकल निगरानी भी अनिवार्य
राणा के वकील, जो दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नियुक्त किए गए हैं, ने बताया कि अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हिरासत में लिए जाने से पहले और अदालत में अगली पेशी से पहले उसका मेडिकल परीक्षण अनिवार्य होगा। साथ ही, हिरासत के दौरान किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में उचित चिकित्सा सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि तहव्वुर राणा को अगली बार भी व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश किया जाएगा। इससे यह साफ है कि मामला सिर्फ एक कानूनी कार्रवाई नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था की साख से जुड़ा है।
Discussion about this post